पिछले कई संसदीय सत्रों की तुलना में इस बार का सत्र कामकाज के लिहाज से बेहद अहम रहा. सरकार ने कई अहम बिल पास कराने के लिए इस सत्र का कार्यकाल भी बढ़ा दिया. राज्यसभा में मोटर व्हीकल बिल पर चर्चा के लिए संसदीय कार्य मंत्री ने सदन का समय बढ़ाने की जैसे ही मांग की कुछ विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जता दी. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि संसद बिल बनाने की कोई फैक्ट्री नहीं है.
राज्यसभा में बहस के दौरान बुधवार को मोटर व्हीकल बिल पर चर्चा के लिए जब संसदीय कार्य मंत्री थावरचंद गहलोत ने सरकार की ओर से मोटर व्हीकल बिल पास कराने के लिए सदन की समयसीमा बढ़ाने की मांग की तो इस पर विपक्षी दलों के सांसद भड़क गए और आपत्ति जताने लगे. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अभी 20 और वक्ता हैं जिसके बाद केंद्रीय मंत्री को इस पर जवाब देना है. हम रोज-रोज सदन का समय नहीं बढ़ा सकते.
संसदीय कार्य मंत्री थावरचंद गहलोत ने चर्चा के दौरान कहा कि हम सभी को साथ बैठकर मोटर व्हीकल बिल पर चर्चा करनी चाहिए और बिल के पास होने तक सदन का समय बढ़ा दिया जाना चाहिए. इस पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि कोई नियम नहीं है कि सुबह 9 से रात 9 बजे तक रोज बैठे रहें, ऐसे करेंगे तो बीमार हो जाएंगे. उन्होंने सभापति से इस बारे में सही फैसला लेने की अपील की.
इस बीच शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि चर्चा के दौरान छोटे दलों का समय बिल्कुल नहीं घटाया जाए, क्योंकि ऐसा होता रहा है. नेता सदन थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस बिल को जल्द से जल्द पास कराना जरूरी है और आज ही यह बिल पास हो जाए तो ज्यादा अच्छा है. उन्होंने विपक्ष की ओर से ज्यादा से ज्यादा सांसदों के चर्चा में शामिल होने की बात पर कहा कि हम चर्चा में अपनी पार्टी के वक्ताओं से नाम वापस लेने के लिए कह सकते हैं.
इस पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्राइन ने कहा कि मोटर व्हीकल बिल अगर यहां से पास हो भी गया फिर भी लोकसभा में 2 संशोधनों के साथ जाएगा. विपक्ष पूरे सहयोग के साथ काम कर रहा है लेकिन सरकार भी अपनी जिम्मेदारी समझे.
डेरेक ओ'ब्राइन की टिप्पणी के बाद बीजेपी सांसद विजय गोयल ने पिछली सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि पहले ही सरकार के कार्यकाल में इतना काम नहीं हुआ और अब हमारी सरकार ज्यादा काम कर रही है तो दिक्कत हो रही है.
सरकार की ओर से चर्चा के लिए समय बढ़ाए जाने की मांग पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह सत्र बेहद खास है, लेकिन बहस के लिए समय बढ़ाए जाने को लेकर उनकी ओर से कई आपत्तियां हैं. क्या यह राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाए जाने की जरूरत है.
दोनों पक्षों की ओर से आ रही प्रतिक्रिया के बीच उपसभापति हरिवंश सिंह ने सदन का मत जानने के लिए हां या न बोलने के लिए कहा, जिस पर विपक्ष ने फिर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन का मत होना चाहिए, बहुमत से फैसला नहीं लिया जा सकता. इसके बाद मोटर व्हीकल बिल पर चर्चा के लिए चेयर की ओर से अनुमति दे दी गई और अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर अपनी बात सदन में रखी.