अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई ट्रस्ट की आज पहली बैठक होने जा रही है. दिल्ली में होने वाली इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों के साथ रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय भी शामिल होंगे. बैठक में उत्तर प्रदेश के दो आईएएस अफसरों को भी शामिल किया गया है. दोनों अफसरों को दिल्ली बुलाया गया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा को शामिल किया गया है. इसके अलावा छोटी छावनी के महंत महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय को भी ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा. शाम 5 बजे की बैठक के बाद औपचारिक ऐलान किया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र बनने के बाद ही महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल करने की मांग उठी थी.
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मंदिर निर्माण की तारीख पर मंथन
ट्रस्ट की पहली बैठक रामलला के वकील रहे परासरण के ग्रेटर कैलाश स्थित घर पर होगी. बैठक के लिए ट्रस्ट के सभी सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. बैठक में राम मंदिर निर्माण की तारीख पर सदस्यों के बीच मंथन होगा. मंदिर निर्माण का क्या तरीका होगा, इस पर भी ट्रस्ट के सदस्य आपस में विचार करेंगे. इसके साथ ही 2 नए सदस्यों का चुनाव होगा और मंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने के तरीके पर भी चर्चा होगी.
दिल्ली पहुंचे नृत्य गोपाल दास
बैठक में जिन दो सदस्यों को मनोनीत किया जा सकता है, उसमें रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय शामिल हैं. बैठक में शामिल होने के लिए नृत्य गोपाल दास मंगलवार को ही दिल्ली के लिए अयोध्या से कूच कर चुके हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों आईएएस अफसर अवनीश अवस्थी और अनुज कुमार भी दिल्ली पहुंच गए हैं.
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ट्रस्ट को लेकर कई विवाद
इन सब के बीच गठन के वक्त से ही एक के बाद एक ट्रस्ट को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं. ऐसे में सवाल ये कि निर्मोही अखाड़े की तरफ से 7 सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग का क्या होगा? ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के साधु-संत दो हिस्सों में बंट गए हैं, उनकी नाराजगी कैसे दूर होगी? इन सब सवालों के बीच आज जब ट्रस्ट की पहली अहम बैठक होगी.
मुस्लिम पक्ष ने बताया कब्रिस्तान की जमीन
इसके साथ ही ताजा विवाद ये कि राम जन्मभूमि अधिग्रहीत परिसर की भूमि को मुस्लिम पक्ष कब्रिस्तान की भूमि बता रहा है और इसके लिए उसने ट्रस्ट के सदस्यों को खत भी लिखा है. खत में मांग की गई है कि कब्रिस्तान की भूमि को छोड़कर मंदिर का निर्माण हो.