भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद राम जेठमलानी ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर अपनी पार्टी की ओर से सरकार पर किए गए हमले की शनिवार को आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने यह कदम ‘सर्वाधिक अवांछित प्रतिद्वंद्वी’ के उकसावे पर उठाया.
जेठमलानी ने सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के लिए सरकार की प्रशंसा की और दावा किया कि इस फैसले ने ‘राष्ट्रीय आपदा को टाला’ है. बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेजे गए पत्र में जेठमलानी ने कहा, ‘मैं इस बात को पढ़कर आश्चर्यचकित हूं कि बीजेपी ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है जिसे पार्टी सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को फास्ट ट्रैक नियुक्ति बताती है.’
पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री और मीडिया को भी भेजी गई हैं. जेठमलानी ने कहा, ‘मैं खेद प्रकट करता हूं कि यह आलोचना प्रासंगिक तथ्यों की पूर्ण अनदेखी का नतीजा है और इसे सर्वाधिक अवांछित प्रतिद्वंद्वी ने उकसाया है जिसे नियुक्ति के फलस्वरूप कल कैट के पास से अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी थी.’
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि जब राज्यसभा की प्रवर समिति ने अनुशंसा की थी कि इस तरह की नियुक्तियां एक कॉलेजियम के जरिए की जानी चाहिए, नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी.
प्रधानमंत्री ने सिन्हा की नियुक्ति को रोकने की बीजेपी की मांग को खारिज करते हुए इस आरोप को ‘अवांछित’ करार दिया था कि यह नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गयी प्रक्रिया को रोकने के लिए की गयी है.
जेठमलानी ने कहा, ‘प्रतिद्वंद्वी के सभी जगह प्रभावशाली मित्र हैं, जो यह नहीं जानते कि अगर वह श्रीमान सिन्हा की जगह सीबीआई निदेशक बन जाते तो क्या आपदा होती.’ जेठमलानी ने कहा कि वह गडकरी को दस्तावेज भेजेंगे कि कैसे सरकारी कार्रवाई ने राष्ट्रीय आपदा को टाला है.
उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस बात को सुनिश्चित करें कि हमारी पार्टी के ये आलोचक तब तक और कोई टिप्पणी नहीं करें जब तक कि सभी तथ्यों को न जानें. मैं अपनी जानकारी से तथ्यों को जानने का दावा करता हूं.’
दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने सीबीआई निदेशक के पद के लिए अपने नाम पर विचार नहीं करने के सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सिन्हा की नियुक्ति के बाद अपना आवेदन वापस ले लिया था.