scorecardresearch
 

जेठमलानी ने मोदी को बताया विष्णु का अवतार, कहा- राहुल को क्लर्क की नौकरी भी न दूं

पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं. बीजेपी से निष्कासित जेठमलानी ने रविवार को कहा कि मोदी ईमानदार व्यक्ति‍ हैं और उनकी विदेशी नीति बेहतरीन है. दिलचस्प यह है कि तारीफ के पुल बांधने के क्रम में उन्होंने मोदी को विष्णु का अवतार बता दिया. जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर कोसा.

Advertisement
X
राम जेठमलानी की फाइल फोटो
राम जेठमलानी की फाइल फोटो

पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं. बीजेपी से निष्कासित जेठमलानी ने रविवार को कहा कि मोदी ईमानदार व्यक्ति‍ हैं और उनकी विदेशी नीति बेहतरीन है. दिलचस्प यह है कि तारीफ के पुल बांधने के क्रम में उन्होंने मोदी को विष्णु का अवतार बता दिया. जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर कोसा.

Advertisement

राम जेठमलानी ने कहा, 'मोदी विष्णु का अवतार हैं. भ्रष्टाचार और विदेश नीति पर मोदी का कामकाज बेहतरीन है. वह ईमानदार हैं और खूब मेहनत करते है.' खास बात यह है कि इस दौरान वरिष्ठ वकील ने राहुल गांधी को जमकर कोसा और यहां तक कह दिया कि वह राहुल को बतौर क्लर्क भी नौकरी नहीं देंगे. जेठमलानी ने कहा, 'नौबत आने पर मैं राहुल गांधी को बतौर क्लर्क भी नौकरी ना दूं.'

गौरतलब है कि इससे पहले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार घोषित होने के बाद भी जेठमलानी ने मोदी की जमकर तारीफ की थी. तब उन्होंने कहा था कि मोदी एक ईमानदार व्‍यक्ति हैं और उन्होंने जनता का एक पैसा भी नहीं खाया है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चीज है.

हालांकि, भ्रष्टाचार के खि‍लाफ नीति के लिए मोदी की सराहना करने वाले ये वही जेठमलानी हैं, जिन्होंने एक महीने पहले फरवरी में भ्रष्टाचार के खि‍लाफ सरकार की मंशा पर आशंका जाहिर की थी. तब उन्होंने कहा था, 'केंद्र सरकार विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के मुद्दे पर पर्याप्त रूप से गंभीर नहीं है. मुझे प्रधानमंत्री पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन मोदी की टीम के कुछ लोगों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है.' उन्होंने कहा था कि कालाधन वापस लाने के केवल दो तरीके हैं जिनके द्वारा सरकार इसे वापस ला सकती है. पहला है जर्मन-फ्रांस का तरीका, जिसमें बकाएदारों के नाम जानने के लिए बैंकों को रिश्वत देने का उल्लेख किया गया है. जबकि दूसरा तरीका है कि इसमें शामिल बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया जाए, जैसा कि अमेरिका ने उनके द्वारा घोषित नामों को प्राप्त करने के लिए किया था.

Advertisement
Advertisement