सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बीजेपी के पूर्व नेता राम जेठमलानी ने कालाधन मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी भेजी है. उन्होंने गुरुवार को लिखी चिट्ठी में जेटली को खूब खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मामले में जेटली ने मूर्खतापूर्ण कदम उठाया है.
उन्होंने जेटली पर राज्यसभा में विपक्ष का नेता रहते हुए इस मामले में कुछ भी नहीं करने और वित्त मंत्री बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट को बर्गलाने का आरोप लगाया. वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ही कालाधन मामले में मुख्य याचिकाकर्ता हैं. उन्होंने चिट्ठी में जेटली को संबोधित करते हुए लिखा है, ‘इस मामले में आपका जिस तरह का व्यवहार है उससे मुझे लगता है कि आप भी कई अन्य लोगों की तरह नहीं चाहते कि सच सामने आए.’
पिछले ही हफ्ते सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विदेशी बैंकों में अवैध धन इकट्टा करने वाले भारतीयों का नाम उजागर करने में अपनी असमर्थता जताई है. इसका कारण द्विपक्षीय दोहरे कराधान से बचाव की संधियां या DTAT है. जेठमलानी ने अपनी चिट्ठी में जेटली की खूब क्लास लगाई है. उन्होंने कहा, जर्मनी ने कभी डीटीएटी की बात नहीं कही है, लेकिन हमारे नेता अक्सर इस तरह की बात करते हैं, जिससे पूरी जांच प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और इससे भ्रष्ट शासक गिरफ्तार या न्याय प्रक्रिया में आने से बच जाते हैं.
इसी साल अप्रैल में लिचेंस्टेन (Liechtenstein) बैंक में भारतीय खाताधारकों के नामों की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को दी गई थी. लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार और अब एनडीए सरकार लगातार यही कहते रहे हैं कि डीटीएटी के कारण इन नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता.