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मणिपुर के लिए इनर लाइन परमिट लेने वाले पहले व्यक्ति बने BJP नेता राम माधव

मणिपुर में इनर लाइन परमिट सिस्टम का ऐलान होने के बाद जश्न का माहौल है. वहीं अब भारतीय जनता पार्टी के नॉर्थ ईस्ट के प्रभारी राम माधव ने राज्य में अपनी एंट्री के लिए ILP लिया है. राम माधव इसे हासिल करने वाले पहले व्यक्ति हैं.

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राम माधव (फाइल फोटो)
राम माधव (फाइल फोटो)

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मणिपुर में इनर लाइन परमिट (ILP) सिस्टम का ऐलान होने के बाद जश्न का माहौल है. वहीं अब भारतीय जनता पार्टी के नॉर्थ ईस्ट के प्रभारी राम माधव ने राज्य में अपनी एंट्री के लिए ILP लिया है. राम माधव इसे हासिल करने वाले पहले व्यक्ति हैं. दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल पर बात करते हुए लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में इनर लाइन परमिट की घोषणा की थी.

आईएलपी व्यवस्था वाले राज्यों में देश के दूसरे राज्यों के लोगों सहित बाहरियों को अनुमति लेनी पड़ती है. हालांकि, भूमि, रोजगार के संबंध में स्थानीय लोगों को संरक्षण और अन्य सुविधाएं मिलती हैं. बता दें कि हाल में ही अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है.

11 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत करने के साथ इनर लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था मणिपुर में लागू कर दी गई. इसके दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में घोषणा की थी कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के बारे में पूर्वोत्तर के राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए आईएलपी को मणिपुर में लागू किया जाएगा.

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आईएलपी की व्यवस्था बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 के अंतर्गत लागू की गई थी. बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 की धारा दो के तहत जिन राज्यों में यह लागू है वहां अन्य राज्यों के नागरिकों को जाने के लिए आईएलपी लेना पड़ता है. आईएलपी व्यवस्था का मुख्य मकसद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए तीनों राज्यों में अन्य भारतीय नागरिकों की बसाहट को रोकना है.

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