राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान पर केंद्र सरकार को चुनाव आयोग से बड़ी राहत मिली है. आयोग का कहना है कि राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है.
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक 9 फरवरी तक सरकार को ट्रस्ट का ऐलान करना था. लिहाजा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है, क्योंकि सदन में कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही ऐलान हुआ है.
उल्लंघन नहीं
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को स्पष्ट करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि एमसीसी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं हुआ है. आयोग के मुताबित संसद में बयान देने के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि कैबिनेट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का प्रस्ताव पास किया है. उन्होंने बताया कि ये ट्रस्ट राम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बताया, 'मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है.'
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इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ट्रस्ट में कुल 15 लोग होंगे जिसमें एक सदस्य दलित समाज से होगा. इस ऐलान के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'आज एक ऐतिहासिक दिन है, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा कर प्रधानमंत्री जी ने सम्पूर्ण भारतवसियों का मान रखा है. सदियों से भव्य राम मंदिर का सपना जो प्रत्येक हिंदुस्तानी देख रहा था अब वो पूर्ण होने जा रहा है. मैं इस अवसर पर पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं.'
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उन्होंने कहा, 'भव्य राम मंदिर को लेकर जिस तरह से समाज के सभी वर्गों में सौहार्द्र और भाईचारे की मजबूत डोर दिखी, यह दर्शाता है कि भारतीय समाज का ताना-बाना कितना मजबूत है. मैं इसके लिए समस्त देशवासियों का अभिनंदन करता हूं. पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का अनुरोध यूपी सरकार से किया गया जिस पर सहमति प्रदान कर दी गई है.'