राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान हो गया है. इस ऐलान के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, दो-तीन दिन के भीतर ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाएगा. ट्र्स्ट का नाम 'इंडो इस्लामिक कल्चर ट्र्स्ट' होगा. इस ट्रस्ट में बाबरी मस्जिद मामले से जुड़े हुए कई लोगों को सदस्य भी बनाया जायेगा.
इंडो इस्लामिक कल्चर ट्रस्ट के जरिए 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ाने वाले इंस्टिट्यूट, लाइब्रेरी, पब्लिक यूटिलिटी इनफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने और दूसरे तरीके की सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. इस ट्रस्ट में भारत और भारत के बाहर भी इस्लामिक कल्चर को बढ़ावा देने के क्रियाकलापों को किया जाएगा.
इस ट्रस्ट के जरिए सुन्नी वक्फ बोर्ड भारत में दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य बनाने के कार्यक्रम भी चलाएगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस ट्रस्ट की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है और इसकी बकायदा रजिस्ट्री भी कराई जायेगी.
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जल्द तैयार की जाएगी रूप-रेखा
आने वाले दिनों में सरकार की तरफ से 5 एकड़ जमीन मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा. आने वाली 24 फरवरी को बैठक करके रूपरेखा तय की जाएगी. इस बैठक से पहले ट्रस्ट का गठन हो जायेगा. ट्रस्ट का मुखिया सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष होगा जो कि पदेन अध्यक्ष होगा. अभी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूखी हैं.
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क्या बोले ओवैसी?
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद के लिए जमीन न लेने की बात कही है. ओवैसी ने कहा कि मस्जिद ट्रस्ट पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का फैसला है कि हमें मस्जिद के लिए जमीन नहीं चाहिए . मुसलमान मस्जिद कहीं बना सकता है 5 एकड़ की क्या जरूरत है. अगर कहीं जा कर के हम लोगों से पूछेंगे हमारी जमीन पर मस्जिद थी. सुन्नी वक्फ बोर्ड अगर इसका स्वागत करता है तो वह गलत कर रहा है उसको जमीन नहीं लेना चाहिए.