गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरा सच्चा सौदा की गद्दी को लेकर चर्चा बनी हुई है. इस बीच गुरमीत की मां नसीब कौर ने अपने पोते जसमीत को इस गद्दी पर बैठाने का फैसला किया है. हालांकि, इस पर अंतिम मुहर गुरमीत राम रहीम ही लगाएगा.
जसमीत को गद्दी पर बैठाने का लिया फैसला
राम रहीम की मां नसीब कौर को डेरा में माता जी के नाम से जाना जाता है. उनकी मां ने गुरुसर मोड़िया के अपने फार्म हाउस में घरवालों से साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने तय किया कि वो जसमीत को डेरा की गद्दी पर बैठाएंगे. लेकिन इस फैसले पर मुहर राम रहीम ही लगाएगा. इसलिए यह भी निश्चित किया गया कि इसकी सूचना राम रहीम को परिवार के सभी लोग मिलकर देंगे. परिवार का राम रहीम से जेल में मिलने जाने का भी कार्यक्रम था, लेकिन उनकी मां की तबीयत इस बीच खराब हो गई. बता दें कि परिवार की इस मीटिंग में नसीब कौर के अलावा उसकी पत्नी हरजीत कौर और बेटा जसमीत शामिल था.
बाबा सतनाम के आशीर्वाद से पैदा हुआ राम रहीम
नसीब कौर डेरा के प्रमुख रहे बाबा सतनाम की बेहद करीबी रही हैं. नसीब कौर की वजह से ही राम रहीम डेरा में गया था. वो मानती थीं कि बाबा सतनाम के आशिर्वाद से ही शादी के 18 साल बाद राम रहीम पैदा हुआ था. बता दें कि डेरा प्रेमियों में नसीब कौर के प्रति लोगों में काफी श्रद्धा है.
क्या करता है जसमीत?
जसमीत फिलहाल बिजनेस मैन है और भटिंडा के पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी से शादी हुई है. गुरुसर मोड़िया में फिलहाल राम रहीम के परिवार की जिम्मेदारी जसमीत के ससुराल वालों ने ही ले रखी है. परिवार ने मामला शांत होने तक गुरुसर मोड़िया में ही रहने का फैसला किया है. जसमीत के डेरा प्रमुख बनने की घोषणा राम रहीम से मीटिंग के बाद ही की जाएगी.
अनुयायियों की प्रतिक्रिया लेना चाहता है परिवार
फिलहाल राम रहीम का परिवार अपने डेरा के सेवकों से भी नहीं मिल रहा है. सूत्रों की मानें तो परिवार जसमीत का नाम आगे कर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में इसकी प्रतिक्रिया देखना चाहता है. परिवार को डर सता रहा है कि अगर जसमीत को डेरा की गद्दी जल्दी नहीं सौंपी गई तो लोग डेरा की संपत्ति खुर्द-बुर्द करने लगेंगे.