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खट्टर सरकार से नाराज केंद्र, पूछा- क्यों नहीं लगाई भेजी गई फोर्स?

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोर्ट के फैसले से पहले लोगों से शांति की अपील की थी. और भरोसा दिया था कि उन्होंने हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है. लेकिन इसके बावजूद भी इस तरह की हिंसा 5 बड़े सवाल खड़े करती है.

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भक्तों का तांडव नहीं रोक पाई सरकार
भक्तों का तांडव नहीं रोक पाई सरकार

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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी से रेप करने के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनके समर्थक लगातार हंगामा कर रहे हैं. राम रहीम के समर्थकों ने कई जगह आग लगा दी है और तोड़फोड़ की है.

हरियाणा में मचे उपद्रव के बीच केंद्र सरकार ने खट्टर सरकार को फटकार लगाई है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पूछा है कि जब केंद्र सरकार की ओर से फोर्स भेजी गई थी तो फिर हर जगह पुलिसवाले क्यों तैनात किए गए. गृहमंत्री ने हर जिले की रिपोर्ट मांगी है.

राम रहीम के समर्थक सिर्फ हरियाणा और पंजाब में ही नहीं बल्कि दिल्ली और हरियाणा में भी हंगामा कर रहे हैं. सभी चार राज्यों में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल हरियाणा की सरकार पर उठता है, आखिर इस तरह के हंगामे से निपटने तैयारी क्यों नहीं की गई थी.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोर्ट के फैसले से पहले लोगों से शांति की अपील की थी. और भरोसा दिया था कि उन्होंने हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है. लेकिन इसके बावजूद भी इस तरह की हिंसा 5 बड़े सवाल खड़े करती है.

1. हाईकोर्ट के आदेश पर कर लेती तैयारी तो नहीं आती ऐसी नौबत?

हाईकोर्ट ने फैसले से पहले ही राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वह इस प्रकार की स्थिति की पुख्ता तैयारी कर ले. सरकार ने इस बात की बात भी कही थी, लेकिन मौजूदा हाल सबके सामने है.

2. धारा 144 होने के बावजूद कैसे जमा हुए इतने सारे लोग?

खट्टर सरकार और राज्य के डीजीपी लगातार कह रहे थे कि पूरे इलाके में धारा 144 लागू की गई है. लेकिन फिर भी इतने सारे लोग जमा किए, जो कि सरकार के खुद के दावे पर सवाल खड़ा करते हैं. अगर सरकार सही तरीके इसे धारा 144 को लागू करती तो शायद इस तरह की स्थिति नहीं पैदा होती.

3. क्या रामपाल और जाट आंदोलन से कोई सबक नहीं ले पाई सरकार?

यह पहली बार नहीं है कि हरियाणा में इस प्रकार का उपद्रव हो रहा हो. इससे पहले भी बाबा रामपाल के समर्थक इस तरह का तांडव कर चुके हैं. रामपाल के समर्थकों ने हिसार में अपना आतंक मचाया था. वहीं इसके अलावा पिछले साल हरियाणा आंदोलन के समय भी राज्य की स्थिति चरमराई थी. कई दिनों तक राज्य में चीज़ें ठप हो गई थी.

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4. मामले में दिखाई सुस्ती?

जब तक राम रहीम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, तब तक सरकार सिर्फ लोगों से अपील ही कर रही थी. सरकार की ओर से बयान आ रहे थे कि हम चाहते हैं कि समर्थक शांति बनाए रखें. अगर सरकार अपील के साथ-साथ कुछ कठोर कदम भी उठाती तो ये स्थिति पैदा ना होती.

5. समर्थकों को भी दी ढील?

गुरमीत राम रहीम जब अपने आश्रम से पंचकूला कोर्ट की ओर रवाना हुए, तब कहा जा रहा था कि वह लगभग 800 गाड़ियां उनके काफिले में मौजूद थी. एक आरोपी का इस तरह के काफिले के साथ कोर्ट में पेश होने जाना पुलिस और राज्य के ढीलेपन पर कई तरह के सवाल खड़े करता है.

 

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