सेतुसमुद्रम परियोजना विवाद को नया मोड़ देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि पौराणिक राम सेतु पुल हिंदू धर्म का 'महत्वपूर्ण' और 'अभिन्न' हिस्सा नहीं है.
केंद्र ने कोर्ट को लिखित जवाब में कहा है कि यह प्रमाणित नहीं हो पाया है कि भगवान राम ने खुद ही राम सेतु ध्वस्त नहीं किया. यह भी साबित नहीं हो पाया है कि राम सेतु के अवशेष के रूप में मौजूद जगह हिंदूओं की अभिन्न आस्था का स्थान है.
केंद्र सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अदालत को यह आश्वासन दिया था कि राम सेतु को क्षति पहुंचाए बिना सेतुसमुद्रम परियोजना का वैकल्पिक रूट तैयार किए जाने पर विचार किया जाएगा.