राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद से समझौता करने की कोशिश तेज हो गई है. बुधवार को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया कि अगर राम मंदिर मसले पर समझौता नहीं बनता है, तो 2018 में राज्यसभा में बहुमत आने पर संसद में कानून लाया जाएगा. लिहाजा मुसलमानों को सरयू नदी के पार मस्जिद बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि हम 2019 तक राम मंदिर नहीं बनाते हैं, तो जनता इसको लेकर हमारा विरोध करेगी.
स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से आपस में मिलकर राम मंदिर मामले को सुलझाने को कहा है. ऐसे में हम अदालत के बाहर इसके लिए तैयार हैं, लेकिन दूसरा पक्ष अलग-अलग बयानबाजी कर रहा है. हमें संविधान के बारे में जानकारी है. हम जानते हैं कि संविधान के तहत कैसे काम होगा. मामले को अदालत के बाहर सुलझाने का कुछ मुसलमानों के विरोध के बाद स्वामी का यह बयान सामने आया है.
Muslim should accept my proposal for a masjid across Saryu. Or else in 2018 on getting the RS majority we will enact a law to build temple
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 21, 2017
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदि र मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं. अगर जरूरत पड़ती है, तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है. भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि जरूरत पड़ी, तो सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले में मध्यस्थता को तैयार हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए अगले शुक्रवार यानी 31 मार्च तक का समय दिया है.
कुछ मुसलमान हैं विरोध में
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत सभी भगवा दल और कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
के सदस्य, ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें कोई आउट
ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मंजूर नहीं है.
पहले से ही मौजूद है राम मंदिर
बीजेपी नेता स्वामी ने कहा कि राम जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर पहले से ही मौजूद है, जिसकी 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी. उन्होंने ट्वीट किया किया कि इतना ही नहीं, इस अस्थायी राम मंदिर में पूजा भी होती है.
ऐसे में इसको ढहाने की कोई हिमाकत नहीं कर सकता है.