राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वीजी गौड़ा ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. सीबीआई की तरफ से बीजेपी नेताओं पर आपराधिक षड्यंत्र के आरोप हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई से जस्टिस गौड़ा ने खुद को अलग कर लिया.
सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की उस याचिका की सुनवाई होगी जिसमें इलाहबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य नेताओं के ऊपर से क्रिमिनल चार्ज को हटा दिया गया था.
राम जन्म भूमि केस की गुरुवार को सुनवाई
दरअसल राम मंदिर से जुड़े दो मामलों की गुरुवार को सुनवाई होनी है. जिनमें से एक अडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य नेताओं के खिलाफ क्रिमिनल केस वापस लेने पर है. वहीं दूसरी अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर होनी है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने दी थी जल्द सुनवाई की याचिका
गौरतलब हो कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था. जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. जिसके बाद विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए शीर्ष कोर्ट ने वहां किसी तरह की धार्मिक गतिविधि पर रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी एक याचिका दायर की थी.