पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के गुर सिखाने वाले गुरू रमाकांत आचरेकर का निधन दो जनवरी को हुआ. तीन जनवरी को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार हुआ, लेकिन अब शिवसेना नेता संजय राउत ने इस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. संजय राउत ने ट्वीट किया कि पद्मश्री और द्रोणाचार्य जैसे अवॉर्ड पा चुके आचरेकर जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ क्यों नहीं कराया गया.
Why wasn't Padmashree and Dronacharya awardee Ramakant Acharekar given state funeral and respect by the Maharshtra government ? . The Government has shown complete disregard towards Ramakant acharekar . Sachin Tendulkar should boycott government programs henceforth .
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 3, 2019
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से भविष्य में सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने को कहा. संजय राउत के अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी ट्वीट कर विरोध दर्ज कराया.
राउत ने ट्वीट किया, “पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत आचरेकर का अंतिम संस्कार महाराष्ट्र सरकार ने राजकीय सम्मान एवं आदर के साथ क्यों नहीं किया? सरकार ने रमाकांत आचरेकर के प्रति असम्मान दिखाया है. सचिन तेंदुलकर को अब से सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करना चाहिए.”
Shri Ramakant Achrekar,cricket coached Bharat Ratna Sachin Tendulkar and many more remarkable players of our country. A recipient of the Padmashri award and yet the state government chose not to honour him with a state funeral. We need an answer from the government regarding this
— Raj Thackeray (@RajThackeray) January 3, 2019
बता दें कि आचरेकर का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते 87 की उम्र में बुधवार को निधन हो गया था. महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकारी स्तर पर “संवादहीनता” के चलते आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं हो पाया.
प्रसिद्ध क्रिकेट कोच के अंतिम संस्कार के मौके पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाराष्ट्र के आवासन मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया जाना “दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण” है.
सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, बलविंदर सिंह, चंद्रकांत पंडित, प्रवीण आमरे, संजय बांगर और रमेश पवार जैसे क्रिकेटरों के करियर को आकार देने में उनके उत्कृष्ट योगदान की सरहाना करते हुए शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना “परेशान करने वाला” एवं “दुखद” है.