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रामदेव बोले- योग का कई वजहों से हो रहा नुकसान, बेवजह राजनीतिक हस्तक्षेप न हो

बाबा रामदेव ने कहा योग का नुकसान कई वजहों से हो रहा है. अव्वल तो योग का मकसद सिर्फ आसन ध्यान धारणा और समाधि ही नहीं है. बल्कि योग शास्त्र का ज्ञान एक चीज है उसका अभ्यास दूसरी चीज और अपने व्यवहार को उदात्त बनाना बिल्कुल अलग चीज.

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बाबा रामदेव
बाबा रामदेव

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'योग में बेवजह राजनीतिक हस्तक्षेप हम योगियों को नहीं चाहिये. हां, राजनीति में योग का संयोग बेहद जरूरी है. क्योंकि योग से ही राजनीति सही दिशा में आगे बढ़ सकेगी.' योग गुरु स्वामी रामदेव ने अंतरराष्ट्रीय योग कॉन्फ्रेंस 'योग- काया से कायातीत' में खुल कर अपने मन की बात कुछ इसी बेबाक अंदाज में की.

बाबा रामदेव ने कहा, 'योग का नुकसान कई वजहों से हो रहा है. अव्वल तो योग का मकसद सिर्फ आसन ध्यान धारणा और समाधि ही नहीं है. बल्कि योग शास्त्र का ज्ञान एक चीज है उसका अभ्यास दूसरी चीज और अपने व्यवहार को उदात्त बनाना बिल्कुल अलग चीज. लेकिन आजकल तो योगी एक दूसरे से ईर्ष्या रखते हैं. एक दूसरे को नीचा दिखाने वाले बयान देते हैं, अपना व्यवहार और बर्ताव ऐसा रखते हैं कि योग के प्रति अश्रद्धा होती है.'

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योगी एक-दूसरे से खुन्नस न निकालें
रामदेव बोले, 'कुछ लोगों ने योग का एक पक्ष लेकर अपना अलग योग बना लिया. इन सब चीजों से भ्रांतियां फैलती हैं. योगी एक-दूसरे से खुन्नस न निकालें क्योंकि योगी होने का मतलब है ईगो और इग्नोरेंस से परे होना. काया से कायातीत होना. अरे भई, योगी जहां खड़ा होता है वहां योग खड़ा रहता है. जहां बोलता है वहां योग बोलता है जहां और जैसे चलता है वहां योग चलता है. लेकिन आज योग के नाम पर डेढ क्विंटल वजन और मोटे पेट वाले लोग भी माल बेच रहे हैं. यही योग की छवि पर बट्टा है.'

योग को दुनिया तक पहुंचाने वालों का सम्मान हो
धाराप्रवाह भाषण के दौरान रामदेव बोले केवीएस अयंगार ने उनका बहुत अपमान किया लेकिन उन्होंने हमेशा अयंगार जी का सम्मान ही किया. जिन लोगों ने योग को दुनिया तक पहुंचाने में योगदान किया उनका सम्मान होना चाहिए चाहे उनका नाम कम हुआ या ज्यादा. इस परंपरा में चाहे महेश योगी हों या फिर केवीएस अयंगार. इन लोगों ने योग को विदेशों तक फैलाया. योग का मतलब संगच्छध्वं है यानी हम साथ साथ चलें. एक जैसा बोलें. हमारी सोच एक जैसी हो. हमारे मन भी एक जैसे हो जाएं. यहीं योग का परम सत्य है और परम व चरम उत्कर्ष भी. यही समाधि की अवस्था है. जब सिर्फ एक ही रह जाता है. अंदर भी और बाहर भी.

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लोकप्रिय बनाने के लिए मिशन मानना होगा
बाबा रामदेव ने कहा कि योग को दुनिया में लोकप्रिय करना है तो योग को मिशन मानकर प्रोफेशन से जोड़ना होगा. जब ये प्रोफेशन है तो फिर कोई पैसे लेकर योग सिखाए तो इसमे बुराई कैसी. योग कांफ्रेंस में चिदानंद मुनि ने कहा कि युनाइटेड नेशन ने युनाइटेड क्रिएशन किया योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता देकर. अब हमारे देश के युवाओं पर ये जिम्मेदारी है कि यंग दिल इंडिया तंगदिल इंडिया न बने बल्कि बुराइयों के खिलाफ जंग दिल इंडिया बने. योग सिर्फ तन को आत्मा से या शास्त्र को अध्यात्म से जोड़ने का नाम नहीं है बल्कि ये तो दुनिया को जोड़ने की कला है. सुखी और स्वस्थ जीवन जीने का हुनर.

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