रामलीला में महाभारत. कुछ यही हुआ देर रात दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे बाबा रामदेव के अनशन में.
आधी रात के वक़्त जब हिंदुस्तान सो रहा था. जब पंडाल में मौजूद ज़्यादातर बाबा समर्थक नींद में थे. भारतीय पुलिस ने अपना बर्बर चेहरा एक बार फिर अपनी ही जनता को दिखाया और लाठियों, आंसू गैस के गोलों और ताक़त के बूते सवा दो घंटे के अंदर वो सत्याग्रह ख़त्म करा दिया जिसे रोकने के लिए मनमोहन सरकार पिछले चार दिनों से लगी हुई थी.
लाठी के ज़ोर पर पुलिस ने सत्याग्रह का दमन कर दिया. रात के अंधेरे में हुए इस पुलिस कार्रवाई की तुलना रामदेव और उनके समर्थकों ने जलियांवाला कांड से की जब अंग्रेज़ों ने अमृतसर में जमा निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई थीं.
आधी रात क़रीब एक बजे से लेकर सुबह सवा चार बजे तक चले इस एक्शन के बाद पुलिस ने बाबा रामदेव को हिरासत में लिए जाने की तस्दीक की. उनके क़रीबी सहयोगी बालकृष्ण को भी हिरासत में लेकर अज्ञात ठिकाने पर ले जाया गया.
सूत्रों के मुताबिक, खबर है कि बाबा रामदेव को गुड़गांव भेजा गया है. पुलिस की कार्रवाई में कई रामदेव समर्थकों के घायल होने की ख़बर है. पुलिस ने चार बजे के क़रीब योग कैंप के लिए लगाया गया पूरा पांडाल खाली करा कर वहां की बत्तियां बुझा दीं.