योगगुरु रामदेव ने भरोसा जताया है कि साल 2015 से विदेशों में जमा कालाधन देश में आना शुरू हो जाएगा. रामदेव ने आज तक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में यह बात कही.
रामदेव ने कहा, 'लोग मुझसे फेसबुक और ट्विटर पर भी पूछते हैं कि विदेशों में जमा कालाधन देश में कब आएगा? मैं बस यही कहना चाहूंगा कि 2015 में कालेधन के लिए देश में द्वार ही नहीं, हरिद्वार खुलेगा.'
रामदेव से पूछा गया कि आप तो चुनाव से पहले कहा करते थे कि मोदी सरकार के बनते ही 100 दिन के अंदर देश में कालाधन आ जाएगा और हर आम आदमी के खाते में 15 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. अब ये 2015 की बात क्यों कह रहे हैं? इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'आप तो देश के बाहर जमा कालेधन की बात कर रहे हैं, जबकि सच्चाई ये है कि देश के अंदर ही कुल कालेधन का 90 प्रतिशत है. रही बात कुल कालाधन कितना है, तो देश का तो 100 लाख करोड़ कालाधन बाहर है और देश के अंदर 900 लाख करोड़ कालाधन है. देश और विदेश में कुल मिलाकर भारत का 1 हजार लाख करोड़ काला धन है. रही बात 100 दिन और 2015 की, तो मैंने 5 साल रामलीला मैदान से पूरे देश में कालेधन के खिलाफ अलख जगाई है. समय लगेगा. मोदी सरकार कम से कम काले धन की वापसी के लिए सही प्रक्रिया तो अपना रही है.'
सवाल किया गया कि अमित शाह तो कहते हैं कि हमने तो चुनाव के पहले कालेधन का वादा बस यूं ही कर दिया था. लोगों ने उसको ठीक से समझे बगैर कुछ ज्यादा ही उम्मीदें लगा लीं? इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'अमित शाह का जहां तक सवाल है, वो बेहद बेबाक किस्म के इंसान हैं. वो सारे काम देश की सेवा के नजरिए से कर रहे हैं. मोदी और अमित शाह के रूप में देश को सशक्त नेतृत्व मिला है. और रही बात मोदी जी की, तो वो जो कहते हैं, वो करते हैं.'
मोदी सरकार आखिर कालाधन खाताधारकों का नाम बताने से क्यों डर रही है? इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'मोदी जी किसी से नहीं डरते. दरअसल वैश्विक स्तर पर आर्थिक पारदर्शिता लाने की बात चल रही है और रजामंदी बन भी रही है. उसके बाद किसी का भी नाम छुपाया नहीं जा सकेगा. पूरे विश्व में आधी अर्थव्यवस्था पर काले धन का कब्जा है.'
इस सवाल पर कि लोगों की उन पर बहुत आस्था है. बाबा रामदेव के वादे पर बहुत से लोगों ने मोदी सरकार को वोट दिया, कहीं उन लोगों की आस्था पर आंच तो नहीं आएगी? रामदेव ने जवाब में कहा, 'मैंने 20 वर्षों में 20 लाख किलोमीटर की यात्रा की, 20 करोड़ लोगों की सभाएं व शिविर किए. मेरा संकल्प अडिग है.'
क्या आने वाले समय में मोदी सरकार में बाबा रामदेव की वही हैसियत होगी, जो कांग्रेस सरकार में चन्द्रास्वामी की हुआ करती थी? इस सवाल के जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'मैं अपनी नहीं, देशवासियों की हैसियत बनते हुए देखना चाहता हूं. आज प्रवासी भारतीयों में भी आत्मविश्वास है. वो महसूस करते हैं कि उनको इतना मजबूत पीएम मिला.'
योगगुरु से पूछा गया कि आज भगवा पहने बीजेपी सांसद भड़काऊ बयान दे रहे हैं. आपका इस पर क्या कहना है? इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'भगवाधारी सांसदों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. मोदी जी इससे काफी दुखी हैं. इससे देश में वातावरण और सद्भावना को ठेस पहुंचती है. भड़काऊ बयानों से विश्व में भी देश की छवि बिगड़ती है. मोदी जी के दो ही मुद्दे है- सुशासन और विकास. मोदी जी के काम को अगर में नंबरों में आंकूं, तो उन्हें मैं 100 में 100 नंबर दूंगा.'
मोदी ने योग को विश्व में एक पहचान दिलवाई? इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'योग ऋषियों की विरासत है. योग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मोदी की वैश्विक जीत है. योग चिकित्सा विज्ञान है. मोदी ने आयुर्वेद पर अनुसंधान के लिये आयुष विभाग भी बनाया है.'
इस सवाल पर कि मोदी और आपने कभी साथ योग किया है? जवाब में बाबा रामदेव ने कहा, 'मोदी और मैंने साथ योग किया है. मोदी कर्मयोगी, ज्ञानयोगी और भक्तियोगी हैं. युवाओं को मोदी से सीख लेनी चाहिए. उनका व्यक्तिगत जीवन बहुत संयमपूर्ण है.'
क्या आपकी कभी मोदी से बातचीत होती है? इस जवाब में रामदेव ने कहा, 'मोदी जी से मैंने कुछ दिनों पहले फोन पर बात की थी. पूछा कि कैसे हो? जवाब में मोदी जी ने कहा कि पहले जैसा हूं. मोदी जी बदले नहीं है.'