scorecardresearch
 

खुद की टिप्पणियों को लेकर उठे विवाद पर रमेश की चुप्पी

चीनी कंपनियों के प्रति केंद्रीय गृह मंत्रालय के रवैये के बारे में पिछले सप्ताह बीजिंग में की गयी टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस से फटकार मिलने के बाद पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को इस मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी.

Advertisement
X

चीनी कंपनियों के प्रति केंद्रीय गृह मंत्रालय के रवैये के बारे में पिछले सप्ताह बीजिंग में की गयी टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस से फटकार मिलने के बाद पर्यावरण और वन राज्य मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को इस मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी.

Advertisement

जलवायु परिवर्तन पर आकलन के लिये भारतीय तंत्र (आईएनसीसीए) की राष्ट्रीय राजधानी में हुई कार्यशाला में आये रमेश ने अपने संबोधन से पहले ही साफ कर दिया, ‘मैं यहां चीन (बीजिंग में की गयी अपनी टिप्पणी) के संदर्भ में कुछ भी कहने नहीं आया हूं’. भारत में ग्रीन हाउस गैसों के 2007 के उत्सर्जन पर आकलन रिपोर्ट जारी होने के बाद जब संवाददाताओं ने रमेश पर सवालों की बौछार शुरू कर दी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.

उनसे संवाददाताओं ने सबसे पहले यह पूछा कि क्या वह अपनी टिप्पणियों के लिये माफी मांग चुके हैं और क्या उन्होंने वाकई कोई स्पष्टीकरण दिया है. रमेश ने इन दोनों सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की. इसके बाद जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उनके और केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बीच कोई बातचीत हुई है, तो इस पर भी उन्होंने कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया. यह पूछने पर कि क्या वह मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय जाने वाले हैं तो रमेश ने महज यही कहा, ‘किसलिये?’ {mospagebreak}

Advertisement

रमेश से जब फिर बीजिंग की टिप्पणियों पर छाये विवाद पर प्रतिक्रिया चाही गयी तो उन्होंने महज यही कहा, ‘मैं यहां सिर्फ ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के बारे में बात करने आया हूं. अस्सी के दशक में सौर उर्जा, पवन उर्जा और स्वच्छ उर्जा के मामले में हम चीन से आगे थे लेकिन बाद के वर्षों में हम पिछड़ गये.’

असल में, रमेश ने पिछले दिनों बीजिंग में कहा था कि भारत में चीनी निवेश को लेकर गृह मंत्रालय अनावश्यक चौकस रुख अपनाए हुए है और उसने ऐसे निवेश पर गैरजरूरी बंदिशें लगा रखी हैं. दूसरे देश में जाकर दूसरे मंत्रालयों के बारे में की गयी टिप्पणी के लिये बाद में उन्हें प्रधानमंत्री और कांग्रेस की ओर से फटकार भी मिली थी. अपने समक्ष मौजूद मुश्किलों को जाहिरा तौर पर भांपते हुए रमेश ने बीजिंग से सोमवार सुबह लौटने के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने वक्तव्य पर स्पष्टीकरण देने की भी कोशिश की.

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम पहले ही कड़े शब्दों में एक पत्र लिखकर सिंह के समक्ष कैबिनेट सहयोगी की उनके मंत्रालय के बारे में की गयी टिप्पणी पर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. चिदंबरम और रमेश से पत्र मिलने के बाद सिंह ने सोमवार को रमेश से बात कर उनसे कहा था कि उन्हें अन्य मंत्रालयों के कामकाज के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिये. इस बीच, बताया जाता है कि आंध्र प्रदेश के कुछ कांग्रेसी नेताओं ने रमेश के राज्यसभा में पुन: नामांकन को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है. कर्नाटक निवासी जयराम रमेश वर्ष 2004 में आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

Advertisement
Advertisement