केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने मंहगाई पर अंकुश लगाने के लिए एक राष्ट्रीय विपणन नीति लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
पासवान ने कहा, 'मंहगाई को रोकने के लिए देश में राष्ट्रीय विपणन नीति की जरूरत है, जिस पर सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में चुंगी, कर, मंडी कानून अलग अलग होने की वजह से राज्य में गेहूं सड़ रहा है तो किसी राज्य में गेहूं की कमी है, ऐसे में देश में मार्केटिंग के राष्ट्रीय स्वरूप की जरूरत है. हम सभी राज्यों से इस बारे में बात कर रहे है.'
राजस्थान की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को जयपुर पंहुचे पासवान ने कहा कि देश में गेह्रूं, चावल, खाद्यान्न, खादय तेल, आलू की कोई कमी नहीं है, सरकार के पास में एक साल से अधिक का भंडार है. उन्होंने कहा कि कमजोर मानसून रहने के सकेंत मिलने के बावजूद सरकार महंगाई नहीं बढ़ने देगी. पासवान ने कहा, 'हम इसे चुनौती के रूप में लेते है, मंहगाई को काबू में करने के लिए जमाखोरों और मुनाफाखोरों की प्रवृति को किसी हाल में चलने नहीं देंगे, दिल्ली में जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है कुछ लोग कमजोर मानसून का फायदा उठाना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेंगे.'
पासवान ने महंगाई को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान पर जहां उनको अधिक मूल्य मिले इसका अधिकार देंगे, इससे महंगाई रूकेगी, मौजूदा समय में दोनों राज्यों के किसान अपनी फसल को अन्यंत्र राज्यों में नहीं बेच सकते. खाद्य मंत्री ने प्याज की चर्चा करते हुए कहा कि देश का सत्तर फीसद प्याज महाराष्ट्र में पैदा होता है, हमने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से इस बारे में बातचीत की है, उन्होंने पूरा सहयोग करने का वादा किया और कहा कि महाराष्ट्र से कोई भी एजेंसी आकर प्याज खरीद कर ले जा सकती है.
पासवान ने खाद्य सुरक्षा कानून की चर्चा करते हुए कहा कि देश में अभी केवल ग्यारह राज्यों नें ही खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया है. पांच ने पूरी तरह से ओर छह राज्यों ने आंशिक रूप से लागू किया है. इस कानून को लागू करने के लिए चार जुलाई तक का समय है, इसके बाद सरकार विचार कर निर्णय लेगी. देश में, खाद्य सुरक्षा कानून पूरी तरह से लागू होने के बाद एपीएल और बीपीएल वर्ग समाप्त हो जायेगा ओर केवल अन्त्योदय एवं खादय सुरक्षा कानून ही लागू रहेगा.
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की गोदाम क्षमता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एफसीआई गोदाम में 708 लाख टन अनाज रखने की क्षमता है, मौजूदा समय में इसमें 670 लाख टन अनाज भरा है. पासवान ने कहा कि उपभोक्ता हितों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता परीक्षण को मजबूती देने की जरूरत है, सरकार इसे और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए विचार कर रही है ताकि उपभोक्ताओं को मिलावटी वस्तुओं से छुटकारा मिल सके ओर गुणवत्तापूर्ण वस्तुए ही मिले. उन्होंने मोटापा कम करने के प्रकाशित हो रहे विज्ञापनों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे विज्ञापनों से उपभोक्ताओं का अहित हो रहा है. ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कदम उठायेंगे.
पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मंत्रालय का मुख्य काम उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है. ब्यूरो आफॅ इंडियन स्टैण्डर्ड और आई एस आई के अंतर्गत वर्तमान में 90 वस्तुएं ऐसी है, जिन्हें वैधानिक तौर पर इनकी स्वीकृति की जरूरत होती है. केन्द्र सरकार की मंशा है कि आई एस आई के अंर्तगत आने वाली इन 90 वस्तुओं की संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक वस्तुओं को इस श्रेणी में लाकर अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वस्तुएं उपयोग में लाएं.
उन्होंने कहा कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड मानक निर्धारण करना दो स्तरों पर है एक है नेशनल टेस्ट हाउस और दूसरा है रीजनल रेफरेंस स्टेडर्ड लेबोरेटरी. राष्ट्रीय परीक्षण केन्द्र (नेशनल टेस्ट हाउस) का मुख्यालय कोलकाता में है और जयपुर, चेन्नई, मुंबई, गाजियाबाद और गोवाहटी में इसकी शाखाएं हैं. इसी तरह से जो क्षेत्रीय स्तर पर प्रयोगशालाएं है वह बैंगलूर, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और गुवाहटी में है.
पासवान ने कहा कि जयपुर की प्रयोगशाला में सभी मशीने आधुनिक है और बहुत ही अच्छें ढंग से यहां काम हो रहा है, लेकिन आम जनता को इसके बारे में पता नहीं होने से इस प्रयोगशाला का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है.