पाकिस्तान मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने दावा किया है कि सह आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा भी साजिश में शामिल था. हेडली ने मुंबई आतंकी हमलों की योजना बनाने के आरोपों में दोष स्वीकार किया है.
साजिश के बारे में अवगत नहीं होने के राणा के दावों के विपरीत हेडली ने अपनी स्वीकारोक्ति में कहा कि उसने राणा को न सिर्फ उसके लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य होने के बारे में बल्कि भीषण हमले के ब्यौरों से भी अवगत कराया था. हेडली और अमेरिकी सरकार के बीच हुए प्ली एग्रीमेंट के अनुसार जून 2006 के आसपास हेडली ने शिकागो की यात्रा की तथा सह प्रतिवादी राणा से मुलाकात की.
प्रतिवादी ने सह प्रतिवादी राणा को भारत में उसके कार्य के बारे में परामर्श दिया और उसे बताया कि फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन (राणा द्वारा परिचालित एक कंपनी) का कार्यालय खोलने से उसकी गतिविधियों को छिपाया जा सकेगा. इसके अनुसार प्रतिवादी के समझाने के बाद राणा ने मुंबई में एक आव्रजन कार्यालय खोलने तथा प्रतिवादी की गतिविधियों को सहयोग देने पर राजी हो गया. राणा ने प्रतिवादी को यह भी सलाह दी कि भारत यात्रा के लिए वीजा कैसे हासिल किया जाए.
प्ली एग्रीमेंट के अनुसार राणा की मंजूरी मिलने के बाद हेडली वापस पाकिस्तान गया तथा उसने विभिन्न अवसरों पर अन्य लोगों के साथ साथ लश्कर के नेता 'ए' और 'डी' से मुलाकात की. प्ली एग्रीमेंट में कहा गया कि हेडली ने उन्हें (लश्कर के नेताओं) वह वीजा दिखाया जो राणा की मदद से मिला था. इसमें कहा गया कि हेडली राणा से इस बीच में मिलता रहा तथा ताजमहल सहित संभावित आतंकी हमलों तथा आतंकियों के पहुंचने की जगह का उसके द्वारा किए गए मुआयने की जानकारी देता रहा. उसने राणा को पाकिस्तानी आकाओं की प्रतिक्रिया से अवगत कराया.
मई, 2008 के अंत में हेडली और राणा की शिकागो में मुलाकात हुई. हेडली ने राणा को बताया कि उसने मुंबई में व्यापक मुआयना किया तथा साजिश रचने वाले विभिन्न लोगों से मुलाकात की. हेडली ने राणा को मुंबई के आसपास अपनी नौका यात्रा और जीपीएस उपकरण के इस्तेमाल की भी जानकारी दी. हेडली ने राणा को यह भी बताया कि समुद्र शांत होने की प्रतीक्षा के कारण हमले की योजना में विलंब हो रहा है. हेडली ने राणा को यह भी बताया कि उसने भारत के अन्य स्थलों का भी मुआयना किया है. उसने राणा को दिल्ली में एक कार्यालय खोलने के लिए कहा ताकि टोह लेने की और गतिविधियां चलाई जा सकें.