इशरत जहां के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ में मारा गया अमजद अली राणा नरेंद्र मोदी की हत्या करने नहीं, बल्कि सार्वजनिक जगहों पर हमले करने आया था. यह बात उसने खुद पूछताछ में मानी थी. गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने सीबीआई को यह जानकारी दी है.
पाकिस्तान के सरगोदा का रहने वाले अमजद 2004 में इशरत जहां और दो अन्य के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था.
पुलिस इंस्पेक्टर भरत पटेल ने सीबीआई को गवाही में बताया, 'अमजद अली राणा का मकसद मुख्यमंत्री की हत्या करना नहीं बल्कि शहर की कुछ सार्वजनिक जगहों पर विस्फोट करना था जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हों.'
बयान में बताया गया, 'अप्रैल 2004 के अंतिम हफ्ते में जी. एल. सिंघल (निलंबित आईपीएस अधिकारी) ने मुझे बताया था कि अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर निगरानी रखें क्योंकि लश्कर ए तैयबा के कुछ सदस्य आ रहे हैं. इंस्पेक्टर तरुण बरोट और आर. आई. पटेल भी वहां थे.'
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 'मैंने और सिंघल ने संदिग्ध (राणा) को देखा कि वह दोपहिया वाहन से अशद (सिंघल के सूत्र) के साथ जा रहा है . अशद का परिचय राजिंदर कुमार (आईबी के वरिष्ठ अधिकारी) से डी. जी. वंजारा (आईपीएस अधिकारी) ने कराया था.'