मोसुल में 39 भारतीयों की मौत पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि सरकार ने देश को गुमराह किया है. कांग्रेस ने 39 भारतीयों की मौत पर दुख प्रकट किया, मगर साथ ही मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने असंवेदनशीलता, निर्ममता और निर्दयता की सारी हदें पार कर दी हैं. सुरजेवाला ने कहा कि 39 भारतीयों को सुरक्षित वापस ना ला पाने की जिम्मेदार मोदी सरकार है.
अब तक 39 भारतीयों के जीवित होने का दावा क्यों कर रही थी मोदी सरकार?
सुरजेवाला ने कहा, '39 भारतीय जून, 2014 में अगवा किए गए. पूरा विश्व और पड़ोसी देश इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि 39 भारतीय अब जीवित नहीं है, परंतु भारत सरकार ने 23 जून 2014, 9 जुलाई 2014, 17 जुलाई 2014, 24 जुलाई 2014, 6 अगस्त 2014, 22 जुलाई 2015 और 16 जुलाई 2017 यानी सात बार देश और 39 भारतीयों के परिवारजनों को ये कहा कि वो सब जिंदा हैं. यहां तक भी कहा कि वो जीवित हैं और उनको भोजन इत्यादि सभी जरूरत की सुविधाएं मिल रही हैं.'
'इससे पहले मौत की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया गया'
सुरजेवाला ने सवाल उठाया है कि मोदी सरकार, विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज देश को गुमराह क्यों कर रहे थे, परिवारजनों को गुमराह क्यों कर रहे थे? जब भारत का मीडिया अपनी जान जोखिम में डाल कर जुलाई, 2017 में इराक के मोसूल गया और उन्होंने रिपोर्ट किया कि हिंदुस्तान के 39 नागरिक जीवित नहीं हैं, तब भी सुषमा स्वराज जी और मोदी सरकार ने उसे सिरे से खारिज कर दिया था. जब एक चश्मदीद गवाह सामने आया और उसने भी कहा कि 39 भारतीयों की आईएसआई के उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी, तो उसे भी सिरे से खारिज कर दिया.
विदेश मंत्री का बयान शर्मनाक है: सुरजेवाला
मोदी सरकार ने यह तक कहा कि इराक के प्रधानमंत्री जब भारत आएंगे तो उनसे पूछ कर इस पूरी बात की पुष्टि की जाएगी, पर किया कुछ नहीं. सवाल ये है कि मोदी सरकार और सुषमा स्वराज देश और उन परिवारजनों की आंखों में धूल क्यों झोंक रही थी? सबसे दुर्भाग्य की बात तो ये है कि विदेश मंत्री सुषमा आज ये कह रही हैं- मरे का सब्र आ जाता है. सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी और सुषमा से कहा कि जब बीते कई वर्षों से बेसब्री से इंतजार करते वो परिवारजन जब तिल-तिल 39 भारतीयों की याद में हर रोज मरते थे, तो क्या आपको उनका कभी ख्याल आया? जब वो एक दर्जन बार विदेश मंत्री से मिलने आए, न्याय की गुहार, परिवारजनों को वापस लाने की गुहार करने आए, तब भी आपने उनको सच नहीं बताया? और आप हमें कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी राजनीति कर रही है. ये कहना कि मरे का सब्र आ जाता है, इससे ज्यादा शर्मनाक बात उन 39 परिवारों के प्रति बेरहमी की हो नहीं सकती.
कांग्रेस ने बताई सुषमा के संसद में बयान और प्रेस वार्ता की वजह
सुरजेवाला ने कहा कि बात यहां खत्म नहीं होती. 39 भारतीय मर गए और विदेश मंत्री आज भी सरकार की पीठ थपथपा रही हैं, वे प्रधानमंत्री जी का और अपनी सहयोगी मंत्री का धन्यवाद कर रही हैं. किस बात का धन्यवाद कि भारत की सरकार 39 भारतीयों की जिंदगी नहीं बचा पाई और 4 साल तक उनके परिवारजनों और देश को गुमराह करती रही? इस बात का धन्यवाद? और आज हड़बड़ी में जब संसद के दोनों सदनों के अंदर विदेश मंत्री जी बयान देती हैं, प्रेस वार्ता पहले रखती हैं और ये बताना भूल जाती हैं कि ये हड़बड़ी कहीं इस वजह से तो नहीं थी कि इराक की Martyrs Foundation ने आज भारतीय समय के अनुसार दोपहर के बाद एक पत्रकार वार्ता रखकर 39 भारतीयों के जीवित ना होने की सारी सच्चाई दुनिया के सामने रखने का निर्णय लिया था. मुझे ये भी बताया गया और वक्त चेक करें कि आज ढाई बजे उन्होंने पत्रकार वार्ता करके ये सारी सच्चाई उजागर भी की है और जब लगा कि पोल खुल जाएगी तो फिर आपने हड़बड़ी में ये बयान दे डाला. जब नो कॉन्फिडेंस आ गया तो आपने ये बयान दे डाला.
परिवारजनों को टीवी पर मिली 39 भारतीयों की मौत की सूचना
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कम से कम जो भारतीय हमारे बीच में नहीं है, उनकी मौत पर तो राजनीति नहीं होनी चाहिए थी. दुर्भाग्य से आज भी मोदी सरकार और सुषमा जी राजनीति कर रही हैं, जो कि निंदनीय है. ये आपको शोभा नहीं देता, हम विनम्रता से यही कहेंगे और वो सारी पीड़ा, वो सारा दुख, वो सारा दिल दहलाने वाला इंतजार, जिस बूढ़ी मां, जिस पिता, जिस बेटी, जिस बीवियों से आपने करवाया है, क्या अब ये भी उनको दिन देखना था कि उनके परिवारजनों की मौत के बारे जानकारी संवेदनशील तरीके से परिवारों को बताने की बजाए, सरकार ने यह सूचना टेलीविजन पर बताई. क्या इससे ज्यादा निर्दयता की कोई और घटना हो सकती है?
एक-एक परिवार से माफी मांगे मोदी सरकार
कांग्रेस ने मांग की है कि विदेश मंत्री एक-एक परिवार के पास जाकर उन्हें गुमराह करने के लिए माफी मांगें और मोदी सरकार पीड़ित परिवार को सम्मानजनक मुआवजा दे ताकि वे अपनी जिंदगी शुरू कर सकें. इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी द्वारा राजनीति करने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि दुर्भाग्य से कोई अगर राजनीति कर रहा है, तो वो सुषमा स्वराज और मोदी सरकार है. आपको 4 वर्ष से पता था, जून 2014 में भारतीय अगवा किए गए. 7 बार संसद में कहा गया कि वो जिंदा हैं, सुषमा स्वराज ने ये भी कहा कि उनको भोजन मिल रहा है, उनको हर प्रकार की जरूरी सुविधाएं मिल रही हैं.