कांग्रेस ने स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर सरकार की ओर से आये बयानों को लेकर कटाक्ष किया. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन 'काला' हुआ करता था वो 49 महीनों में 'सफेद' हो गया है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मई, 2014 से पहले स्विस बैंकों में जमा धन 'काला' था. मोदी सरकार के 49 महीनों में यह 'सफेद' हो गया है.'' उन्होंने अरुण जेटली और पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कहा, ''दो वित्त मंत्री(?) स्विस बैंक खाताधारकों का बचाव करते हुए कहते हैं कि यह 'गैरकानूनी' नहीं हैं जबकि सीबीडीटी का कहना है कि सितंबर, 2019 से पहले स्विस बैंकों खातों के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं होगी.''
Pre May 2014, Money in Swiss Banks was ‘Black’.
In 49 months of Modi Govt,it turned ‘White’.
While the 2 FM’s(?) defend ‘Swiss Bank A/C Holders’ saying it’s not ‘Illegal’, CBDT says no information on Swiss Bank A/C would be available till Sept 2019.
FAIR & LOVELY LIES OF FM’s? pic.twitter.com/Oc7758WruC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 30, 2018
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के एक बयान का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने सवाल किया, ''क्या यह 'फेयर एंड लवली' झूठ है?'' दरअसल, जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरकानूनी नहीं हैं.
गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में जमा किए गए पैसे में 50 फीसदी से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपये (1.01 अरब फ्रेंक) हो गया.
वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बैंकों का कर्ज चुकाये बिना विदेश भाग गये कारोबारियों का हवाला देते हुये कहा है कि स्विस बैंकों में भारतीयों की पूंजी में 50 फीसदी का इजाफा होना कोई अचरज की बात नहीं है. येचुरी ने प्रधानमंत्री मोदी को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहाराते हुए इसे स्विटजरलैंड में जमा भारतीय काला धन बताया.
येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने उद्योग जगत द्वारा बैंकों के नहीं चुकाये गये लाखों करोड़ों रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया और कर्ज लेने वाले कारोबारियों को विदेश भागने की छूट भी दे दी. माकपा महासचिव ने ट्वीट कर कहा, 'स्विस बैंक में भारतीयों की पूंजी में साल 2017 में 7000 करोड़ रुपये के साथ 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, यह आंकड़ा चौंकाने वाला नहीं है.'