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रणधीर आईओए चुनावों से नामांकन वापस लेंगे

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के विवादों से भरे चुनावों में रविवार को तब नाटकीय मोड़ आ गया जब रणधीर सिंह ने घोषणा की कि वह अध्यक्ष पद के लिये अपना नामांकन वापस लेंगे.

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रणधीर सिंह
रणधीर सिंह

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के विवादों से भरे चुनावों में रविवार को तब नाटकीय मोड़ आ गया जब रणधीर सिंह ने घोषणा की कि वह अध्यक्ष पद के लिये अपना नामांकन वापस लेंगे.

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रणधीर अपना नामांकन वापस लेने के लिये निर्वाचन अधिकारी न्यायाधीश वी के बाली से दोपहर तीन बजे मिलेंगे, जिससे पांच दिसंबर को होने वाले चुनावों में नया मोड़ आ गया है.

रणधीर ने कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिये चलाये जा रहे अभियान से उन्हें दुख होता है और इनके कारण ही वह चुनावों से नाम वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आईओए के कुछ लोग मेरी छवि खराब करने और मेरा अपमान करने के लिये अभियान चला रहे हैं. मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा लेकिन मैं इस स्तर तक नहीं गिरना चाहता.' उन्होंने कहा कि उनके विरोधी यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आईओसी का सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता लेकिन आईओए के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो आईओसी सदस्य को चुनाव लड़ने से रोकता हो.

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रणधीर ने कहा, 'वे इस तरह के मुद्दे मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिये उठा रहे हैं. मैं पूर्व निशानेबाज हूं जो देश का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं. मैं खेल प्रशासन में काफी लंबे समय से हूं और ऐसे आरोप हैं कि मैं इस पद के लिये बेकरार हूं, ये भी गलत साबित हो जायेंगे.' उन्होंने कहा, 'भारत में कई लोग हैं जो ऐसे पद हासिल कर सकते हैं और अच्छा काम भी कर सकते हैं. रणधीर ने यह भी दावा किया कि अगर वह चुनाव लड़ते तो उनके पास चुनाव जीतने के लिये मतों की संख्या मौजूद है, लेकिन जोर देते हुए कहा कि जो माहौल बनाया गया है उससे और व्यक्तिगत आरोपों के स्तर ने उन्हें नामांकन वापस लेने पर बाध्य किया.

उन्होंने कहा कि चुनाव सरकार की खेल संहिता के अनुसार कराये जायेंगे तो उनके लिये मुश्किल होगी क्योंकि वह भारत में आईओसी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और ओलंपिक चार्टर के हक में हैं. 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव विवादों में फंसे हैं कि इनमें सरकार की खेल संहिता या ओलंपिक चार्टर का पालन किया जाये. आईओए ने साफ कर दिया है कि अगर चुनाव सरकारी दिशानिर्देशरें (अधिकारियों की उम्र और कार्यकाल सीमित करने) के हिसाब से किये गये तो आईओए को निलंबित कर दिया जायेगा. संस्था ने आईओए को इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिये 30 नवंबर तक का समय दिया था.

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आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने इस मामले को निपटाने के लिये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप की मांग की थी.

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