प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी. रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2010-11 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8 फीसदी रहने की उम्मीद है और एक साल बाद देश 9 फीसदी की वृद्धि दर की पटरी पर फिर लौटेगा.
रंगराजन ने बताया, ‘‘चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सात से साढ़े सात फीसदी के बीच रहेगी और 2010-11 में यह (अर्थव्यवस्था) 8 फीसदी की वृद्धि दर से बढ़ेगी जिसके अगले वर्ष यह 9 फीसदी रहेगी.’’ रंगराजन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेज सुधार और सामान्य मानसून की उम्मीद के आधार पर उक्त अनुमान जताया है. उल्लेखनीय है कि वैश्विक आर्थिक संकट की वजह से 2008-09 के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 9 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई.
हालांकि प्रोत्साहन पैकेजों की बदौलत चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर बढ़कर 7.75 फीसदी पहुंचने की उम्मीद है. रंगराजन ने कहा कि सुधार के संकेत साफ देखे जा सकते हैं. देश का निर्यात नवंबर में सकारात्मक रहा, जबकि अक्टूबर, 2008 से लगातार तेरह महीने तक निर्यात में गिरावट का रुख बना रहा. आर्थिक अनुसंधान संस्थान इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनामिक रिलेशंस के अर्थशास्त्री राजीव कुमार के मुताबिक, वर्ष 2009-10 में आर्थिक वृद्धि दर साढ़े छह से सात फीसद के दायरे में रहेगी.
हालांकि, उनका यह भी मानना है कि 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 9 फीसदी पर पहुंचेगी बशर्ते सरकार विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की पहल करे. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक सुधार का संबंध है, मेरा मानना है कि हम निश्चित तौर पर जल्द ही उबर सकते हैं, लेकिन यह विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की पहल करने का सही समय है. अगर हम ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर 2011-12 में 9 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की दिशा में होंगे.’’