वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रंजीत सिन्हा को दो साल के कार्यकाल के लिए सीबीआई का अगला निदेशक नियुक्त किया गया है. बिहार कैडर के 1974 बैच के अधिकारी रंजीत सिन्हा अभी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक हैं. वह रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के प्रमुख भी रह चुके हैं और उन्होंने पटना और दिल्ली में कई और अहम पदों पर काम किया है.
गुरुवार शाम जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि ‘पदभार ग्रहण करने की तारीख से लेकर अगले दो साल के लिए’ सिन्हा को सीबीआई निदेशक नियुक्त किया गया है. वह 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे मौजूदा सीबीआई निदेशक अमर प्रताप सिंह की जगह लेंगे.
अपनी 37 साल की सेवा में सिन्हा पटना में सीबीआई के डीआईजी के तौर पर और जांच एजेंसी के स्थानीय मुख्यालय में संयुक्त निदेशक (भ्रष्टाचार-निरोधक) एवं संयुक्त निदेशक (प्रशासन) के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) से एम.फिल की शिक्षा प्राप्त सिन्हा पढ़ने और लिखने में काफी रुचि रखते हैं. वह पुलिस से जुड़ी विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित तौर पर अपना योगदान करते हैं. सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक प्राप्त सिन्हा ने रांची, मधुबनी और सहरसा जिलों में बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं दी हैं.
वह बिहार के नक्सल प्रभावित मगध प्रक्षेत्र के डीआईजी भी रह चुके हैं. वह श्रीनगर में सीआपीएफ के आईजी (अभियान) के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं. वह दिल्ली में आईजी :कार्मिक: भी रह चुके हैं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली नियुक्ति मामलों की कैबिनेट समिति ने सीबीआई निदेशक पद के लिए रंजीत सिन्हा के नाम को मंजूरी दी.
तीन आईपीएस अधिकारियों के एक पैनल में से सिन्हा का नाम देश की प्रमुख जांच एजेंसी के निदेशक पद के लिए चुना गया. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने जिन तीन अधिकारियों के नाम इस शीर्ष पद के लिए सुझाए थे उनमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक एस सी सिन्हा (हरियाणा-1975) और उत्तर प्रदेश में महानिदेशक (गृह-रक्षक) अतुल (यूपी-1976) भी शामिल थे.