भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रंजीत सिन्हा ने सोमवार को देश की प्रमुख जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 25वें निदेशक का कार्यभार ग्रहण कर लिया लेकिन उन्होंने अपनी नियुक्ति को लेकर पैदा हुए विवाद पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
सिन्हा ने कहा कि मैं नहीं समझता कि इसमें कोई विवाद है. सरकार ने मेरा चयन किया और मैं यहां हाजिर हूं. मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं, और साथ ही विनीत भी कि मुझे इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.
1974 बैच के इस आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति विवादों के साए में हुई. कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जिस तरीके से उनकी नियुक्ति की घोषणा की थी, उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सवाल उठाए थे.
सिन्हा पूर्व सीबीआई निदेशक अमर प्रताप सिंह का स्थान ले रहे हैं, जिन्होंने 30 नवम्बर को दो साल का अपना कार्यकाल पूरा किया था.
सिन्हा ने कहा कि सीबीआई में डीआईजी और संयुक्त निदेशक के पद पर काम करते हुए मुझे इस संस्था में जरूरी मेहनत और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी है. अब ब्यूरो प्रमुख के रूप में, मैं अपने कैडर तथा साथ ही केंद्रीय पुलिस संगठनों में हुए अनुभवों को भी शामिल करूंगा.
सिन्हा ने कहा कि सीबीआई को प्रभावी बनाने के लिए अधिक श्रमशक्ति, आधुनिक प्रौद्योगिकी व सुविधाएं, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में सुधार तथा लेटर्स रोगेटरी (आधिकारिक पत्र व्यवहार) में होने वाले विलम्ब को कम करने की आवश्यकता है.