महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार विरोधी कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक पर गुरुवार को कैबिनेट में विचार हो सकता है.
पिछले महीने जारी अध्यादेश के स्थान पर इस विधेयक को लाया जा रहा है. इस विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किसी आधिकारिक पद पर आसीन व्यक्ति अगर बलात्कार का दोषी पाया जाता है तो उसे अपना समूचा जीवन जेल में बिताना होगा. अध्यादेश में इन लोगों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद रखी गई थी.
यह नया विधेयक पिछले दिसंबर में लोकसभा में पेश अपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2012 का भी स्थान लेगा.
उधर, कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस विधेयक को बजट सत्र के पहले चरण में पारित कराने में सफल रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून के दायरे में वैवाहिक बलात्कार को नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार इस पर व्यापक चर्चा चाहती है.