ज्यादा से ज्यादा समारोह आयोजित करने और आम लोगों में आकर्षण पैदा करने के लिए राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल को नए सिरे से सजाया जा रहा है. संगमरमर की दीवारों और फर्श की सफाई के साथ ही नई साज-सज्जा की जा रही है.
दक्षिणी स्वागत कक्ष और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सरकारी आवास के बड़े स्वागत कक्ष को भी नया रूप दिया जा रहा है. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामोनी ने बताया कि लंबे समय से दरबार हॉल का इस्तेमाल नहीं हुआ है, लेकिन राष्ट्रपति चाहते हैं कि राष्ट्रपति भवन के हर हिस्से का इस्तेमाल हो. हॉल का इस्तेमाल समारोहों के आयोजन के लिए किया जाएगा, जबकि दोनों स्वागत कक्ष का इस्तेमाल प्रमुख हस्तियों और राजनयिकों के साथ मुलाकात के लिए किया जाएगा. कालीनों, कलाकृतियों और चित्रकृतियों को बदला जा रहा है.
राजामोनी ने बताया कि हम वैसे नेताओं के तैलचित्रों, छायाचित्रों को लगाएंगे जो हमें प्रेरणा देने के साथ-साथ दरबार हॉल के इस्तेमाल की पुरानी यादों को भी ताजा करते हैं. उन्होंने कहा कि फर्श, दीवारों, लैंप और नालियों की सफाई और पॉलिश कराई जा रही है. इस काम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्वीकृत रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि विरासत को कोई नुकसान नहीं पहुंचे.
राष्ट्रपति भवन आम लोगों के लिए सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को खुला रहता है. दरबार हॉल के अलावा आम लोग अशोका हॉल और दोनों ड्राइंग रूम तक जा सकेंगे. साफ-सफाई और साज-सज्जा देने के काम में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की छह टीमें जुटी हुई हैं.
ब्रितानी हुकूमत के दौरान दरबार हॉल को थ्रोन रूम कहा जाता था. यहीं इसी महीने की 20 और 21 तारीख को 9वें आसियान-भारत स्मृति शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा. दरबार हॉल में 33 मीटर की ऊंचाई पर दो टन का झूमर लगा हुआ है. 16 अगस्त 1947 को इसी हॉल में तत्कालीन गर्वर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहर लाल नेहरू को आजाद भारत की नई सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी.