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आरक्षण पर RSS का बड़ा बयान- जब तक असमानता है आरक्षण जरूरी

आरएसएस की पुष्कर में हुई समन्वयक बैठक में आरक्षण, सीमा सुरक्षा, अनुच्छेद 370, कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी, मदरसा, मॉब लिंचिंग, एनआरसी  जैसे अहम मसलों पर चर्चा हुई.

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पुष्कर में आयोजित समन्वय बैठक में मौजूद संघ प्रमुख मोहन भागवत. (फाइल फोटो)
पुष्कर में आयोजित समन्वय बैठक में मौजूद संघ प्रमुख मोहन भागवत. (फाइल फोटो)

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  • आरएसएस की पुष्कर में तीन दिनों तक चली समन्वय बैठक
  • आरक्षण, 370, सीमा सुरक्षा, NRC, मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा
  • संघ के सह सरकार्यवाह होसबोले ने चर्चा वाले विषयों की दी जानकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक का सोमवार(9 सितंबर) को  समापन हो गया. सात से नौ सितंबर तक चली इस बैठक में जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनके बारे में संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने विस्तार से जानकारी दी. आरएसएस व सभी 36 संगठनों की  इस समन्वय बैठक में सीमा सुरक्षा, अनुच्छेद 370, कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी, मदरसा, मॉब लिंचिंग, एनआरसी और आरक्षण जैसे अहम मसलों पर चर्चा हुई. मॉब लिंचिंग पर संघ ने कहा कि समाज में किसी भी प्रकार की हिंसा का हम समर्थन नहीं करते हैं. कानून को अपने हाथ में लेने का हम स्वागत नहीं करते हैं. वहीं केंद्र सरकार के सौ दिनों के कार्यकाल पर आरएसएस ने कहा कि सरकार ने कई अच्छे कार्य किए हैं. इसलिए दोबारा चुनी गई हैं.

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आरक्षण पर क्या बात हुई

दत्तात्रेय होसबोले ने बैठक में आरक्षण पर हुई चर्चा की जानकारी दी. कहा कि बैठक में कहा गया कि जब ऐसा लगेगा कि विषमता खत्म हो गई है तो इस पर विचार किया जाएगा .अगर लोगों को लगता है कि विषमता कल ही खत्म हो गई है तो कल ही इस पर विचार हो सकता है लेकिन फिलहाल आरक्षण जारी रहेगा. मौजूदा समय में आरक्षण समाप्त नहीं किया जाएगा.

अनुच्छेद 370

जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटाए जाने पर संघ ने कहा कि लंबे समय से हमारे कार्यकर्ता इसकी मांग कर रहे थे . घाटी में संघ के कार्यकर्ता कड़ी मेहनत कर लद्दाख जैसे इलाके में भी प्रखर राष्ट्रवाद की अलख जगाए थे. जिसका परिणाम है कि अनुच्छेद 370 हटाया जा सका है . दत्तात्रेय ने कश्मीर के नेताओं के नजरबंद किए जाने की तुलना कांग्रेस के कार्यकाल में जयप्रकाश नारायण को जेल में डालने से करते हुए कहा कि चुने हुए नेताओं ने भी गलतियां की है जिसकी वजह से यह सब हुआ है केंद्र सरकार वहां पर अमन बहाली के लिए यह सारे काम कर रही है.

एनआरसी

संघ की पुष्कर बैठक में एनआरसी पर भी चर्चा हुई. सवालों पर दत्तात्रेय  ने कहा कि बहुत सारे घुसपैठिया एनआरसी में अपना नाम डलवाने में कामयाब हो गए हैं. यह एक जटिल समस्या है. इसका समाधान  खोजा जाना चाहिए. यहां पर लोगों ने इस बारे में सवाल उठाए हैं.

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 संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि 3 दिनों में हमने सीमा सुरक्षा के संबंध में सबसे ज्यादा चर्चा की है देश में राष्ट्र भक्त लोग कैसे तैयार किए जाएं इसके लिए भी योजना बनी है. सीमा पर आने वाले लोगों और खासकर युवाओं को जोड़ने के लिए सीमा को सलाम नाम से अभियान चलाया जाएगा.

सीमा सुरक्षा के बारे में संघ ने कहा कि बहुत सारी राष्ट्रविरोधी गतिविधियां देश के अंदर और बाहर से की जा रही है. सीमा क्षेत्र के सुरक्षा के बारे में क्या किया जा सकता है, युवाओं को सीमा क्षेत्र के बारे में जागरूक करने के लिए 'सीमा को सलाम' के नाम से मुहिम चलाकर प्रेरित किया जाएगा."

दत्तात्रेय ने बताया कि संघ की बैठक में कहा गया कि अनुच्छेद 370, 35 A के प्रावधान को हटाना जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पूर्ण तौर पर विकास के लिए सही कदम है. इसमें हालांकि कुछ समस्याएं भी आ सकती है.

मदरसा

मदरसों के बारे में भी चर्चा हुई. संघ ने कहा कि राष्ट्रवादी मदरसे हों, यह हमारी सद्भावना हो सकती है पर करना उनका काम है पर उसके लिए प्रयत्न भी उनको करना चाहिए. ऐसा नहीं है कि ऐसा नहीं हो सकता है. मुस्लिम समुदाय में बहुत सारे लोग इस विषय में सोच सकते हैं. राष्ट्रभक्त हैं. ऐसे लोगों को इसमें पहल करना चाहिए.कुछ लोगों ने शुरू किया. वह हम स्वागत करते हैं.

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