राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने सिविस सर्विस एग्जाम पेपर के हिंदी में अनुवाद होने पर आपत्ति जताई है. आरएसएस का कहना है कि सिविल सर्विस एग्जाम में अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद से अशुद्धियां होती हैं. आरएसएस ने सिविल सर्विस एग्जाम के प्रश्न पत्र को हिंदी में तैयार करने की मांग की है. आरएसएस का कहना है कि अभी प्रश्न पत्र अंग्रेजी में तैयार होता है और इसका हिंदी में अनुवाद किया जाता है, जिससे इसमें बहुत ज्यादा अशुद्धियां होती हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (SSUN) ने मंगलवार को कहा कि यूपीएससी के प्रश्न पत्र का अंग्रेजी से हिंदी या अन्य किसी भाषा में अनुवाद करने से अशुद्धियां या गलतियां होती हैं और इससे एग्जाम दे रहे उम्मीदवारों पर प्रभाव पड़ता है.
SSUN के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूपीएससी प्रश्न पत्र को तैयार करने की प्रक्रिया में बदलाव करने की आवश्यकता है क्योंकि यह अंग्रेजी पृष्ठभूमि वाले छात्रों का पक्षधर साबित हो रहा है.
देवेंद्र सिंह ने कहा कि सिविल सर्विस एग्जाम के प्रश्न पत्र का ओरिजनल ड्राफ्ट अंग्रेजी की जगह हिंदी में तैयार होना चाहिए. प्रश्न पत्र का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने पर सबसे ज्यादा अशुद्धियां और गलती होती है. सिंह ने दावा किया कि पिछली बार 600 उम्मीदवारों ने सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर किया था, इसमें सिर्फ 40 उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने अंग्रेजी में एग्जाम क्लियर नहीं किया था. सिर्फ 14 उम्मीदवारों ने हिंदी में एग्जाम दिया था.
देवेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में परीक्षा पैटर्न उन लोगों के पक्ष में बहुत अधिक है, जो विज्ञान पृष्ठभूमि से हैं और इसमें सबसे ज्यादा अहमियत रीजनिंग की होती है. यूपीएससी के प्रीलिम्स एग्जाम में गणित को भी शामिल किया गया है. उन्होंने सुझाव दिया कि परीक्षा में सामान्य अध्ययन पर अधिक ध्यान देना चाहिए.