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39 देशों तक फैल गया है RSS का नेटवर्क, नाम बदलकर चलाई जा रही हैं शाखाएं

भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम से चलने वाले हिंदू संगठन ने अपनी शाखाएं 39 देशों तक फैला ली हैं. विदेशों में ये शाखाएं हिन्दू स्वयंसेवक संघ के नाम से चलती हैं.

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39 देशों तक बढ़ गया है आरएसएस का नेटवर्क
39 देशों तक बढ़ गया है आरएसएस का नेटवर्क

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब 39 देशों तक अपने पंख फैला लिए हैं. विदेशों में आरएसएस की शाखाएं हिन्दू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) के नाम से चलती है, जिसने अपना दायरा कई और देशों तक बढ़ा लिया है. इसका नेटवर्क यूएस और ब्रिटेन समेत 39 देशों तक पहुंच गया है.

रमेश सुब्रमण्यम के हाथों में कमान
संघ की शाखाएं 39 देशों में चलाई जा रही हैं, जिनका काम रमेश सुब्रह्मण्यम संभाल रहे हैं. उन्होंने 1996 से 2004 के बीच मॉरिशस में संघ की शाखाओं को सेटअप करने में काफी मदद की थी. फिलहाल, वे ‘सेवा’ नाम की एक संस्था की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो संघ के प्रोग्राम के लिए फंड जुटाती है. रमेश ने कहा कि हिंदू स्वयंसेवक संघ विदेशों में बाकी हिंदू संगठनों के साथ मिलकर काम करता है, जिनमें चिन्मय और रामकृष्ण मिशन भी शामिल हैं.

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इसलिए बदला विदेशों में नाम
रमेश ने कहा कि विदेशों में 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' की जगह 'हिंदू स्वयंसेवक संघ' नाम का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि ये भारतीय भूमि पर नहीं है, इसलिए इसके लिए 'राष्ट्रीय' का इस्तेमाल नहीं होता. ऐसा पूरी दुनिया के हिंदुओं को जोड़ने के लिए किया जा रहा है. संघ से करीब 40 दूसरे संगठन जुड़े हैं, लेकिन रमेश के मुताबिक, विदेशों में काम कर रहा हिंदू स्वयंसेवक संघ का दायरा इन सभी से काफी बड़ा है.

इन देशों तक है नेटवर्क
39 देशों में चल रही शाखाओं में से पांच देश मिडिल ईस्ट के हैं. इन देशों में बाहर शाखाएं चलाने की अनुमति नहीं है इसलिए यहां मैदान की बजाय घरों में लोग इकट्ठा होते हैं. फिनलैंड में संघ की ई-शाखा लगाई जाती है. इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 20 देशों के संघ से जुड़े लोग शामिल होते हैं. भारत के बाद नेपाल में संघ की सबसे ज्यादा शाखाएं लगती हैं. इसके बाद यूएस का नंबर आता है, जहां 146 जगहों पर संघ की शाखाएं लगती हैं. संघ का दावा है कि यूएस में पिछले 25 सालों शाखाएं लग रही हैं. यूएस में ये शाखाएं हफ्ते में एक बार लगती हैं, जबकि ब्रिटेन में दो बार. ब्रिटेन में कुल 84 जगहों पर शाखाएं लगती हैं.

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विदेशों में अलग है ड्रेस कोड
भारत में संघ की शाखाओं में खाकी रंग की निकर और सफेद रंग की शर्ट पहनी जाती है, लेकिन विदेशों में ब्लैक पेंट और व्हाइट शर्ट पहनी जाती है.

विदेशों में नारा भी है अलग
भारत में संघ की शाखाओं में ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया जाता है जबकि विदेशों में नारा बदलकर ‘विश्व धर्म की जय’ का नारा लगाया जाता है.

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