राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि संघ बीजेपी को तभी सलाह देता है, जब मांगा जाता है और बीजेपी की राजनीति पर संघ का कोई प्रभाव नहीं. उन्होंने नसीहत दी कि संविधान का निर्माण सबकी सहमति से हुआ है, इसलिए इसका पालन सभी लोगों को करना चाहिए.
आरएसएस की ओर से दिल्ली में आयोजित “भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण” नाम से तीन दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत ने मंगलवार को अपने व्याख्यान के दौरान यह बात कही.
संघ पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं कि उसका संबंध बीजेपी से है. भागवत ने मंगलवार को ऐसे ही आरोपों पर इशारों में जवाब दिया. उन्होंने कहा, उनको (बीजेपी सरकार) सलाह चाहिए तो वो पूछते हैं, अगर हम दे सकते हैं तो हम देते हैं. पर उनकी राजनीति पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है, सरकार की नीतियों पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है. वो समर्थ हैं अपने कार्यक्षेत्र में.
Unko (BJP govt) salah chaiye toh vo puchte hain, agar hum de sakte hain toh hum dete hain. Par unki rajneeti par hamara koi prabhav nahi hai, sarkar ki neetiyon par hamara koi prabhav nahi hai. Vo samarth hain apne karyashetra mein: RSS Chief Mohan Bhagwat at RSS's lecture series pic.twitter.com/M3KkInHpkv
— ANI (@ANI) September 18, 2018
इससे पहले उन्होंने कहा, 'हमारा कोई शत्रु नहीं है, न देश में और न ही विदेश में. हां, हम कई लोगों के शत्रु होंगे और उनसे अपने आपको बचाते हुए उन्हें अपने साथ लेकर चलना ही हिंदुत्व है. हम सबका संतुलित और समन्वय विकास करना चाहते हैं. हमारे यहां कहा गया है कि कमाना मुख्य नहीं है, उसको बांटना मुख्य है. हमारे हिंदुत्व के तीन आधार हैं- देशभक्ति, पूर्व गौरव और संस्कृति.
भागवत ने यह भी कहा कि हिंदुत्व में खलों-दुष्टों का भी भला ही सोचा गया है. हम कहते हैं बस उनकी दुष्टता चली जाए. हम अधर्मी का विनाश नहीं, धर्म की जय हो औक अधर्म का विनाश हो कहते हैं. इस विचारधारा की आज नितांत आवश्यकता है. हमें एक भाषा, एक देवी-देवता, एक तरह का खानपान नहीं जोड़ते हैं. इन विविधताओं के बावजूद हम सब भारत माता के पुत्र हैं. हमने राज्य नहीं लूटे, जहां भी गए, वहां सभ्यता फैलाई. दूसरे देश के लोगों ने हमें प्रभावित किया. हम चारों ओर से सुरक्षित थे तो हमने कभी आक्रमण करना नहीं सीखा. डॉ. अंबेडकर ने कहा कि मैंने स्वतंत्रता जैसे मूल्य फ्रांस से नहीं इसी देश की मिट्टी से लिए.
संघ प्रमुख ने कहा, हमने हमेशा कानून और संविधान का सम्मान किया है. हमारे खिलाफ संविधान के उल्लंघन का एक भी उदाहरण नहीं है. हालांकि हम ये भी नहीं कहते कि हम ही भारत के लिए काम कर रहे हैं. एक देश के विकास का केवल एक संगठन दावा कर भी नहीं सकता है.