सदी की सबसे बड़ी बाढ़ का सामना करने वाले केरल के सामने अब एक और मुसीबत आ गई है. बाढ़ के पानी के बाद अब केरल में जलजनित बीमारियां जानलेवा हो गई हैं. रविवार को ही तीन लोगों की जलजनित बीमारी से मौत हो गई. इधर राज्य सरकार ने प्रदेश में लोगों से अतिरिक्त निगरानी बरतने के लिए अलर्ट जारी किया है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को रैट फीवर अथवा लेप्टोस्पिरोसिस के कारण कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. इस बुखार के रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि लगभग 350 लोगों में रैट फीवर की शिकायत मिली है, जिनका इलाज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है. पिछले पांच दिनों में इनमें से 150 मामले सकारात्मक पाये गए हैं. रैट फीवर के अधिकतर मामले कोझीकोड़ और मलप्पुरम जिलों से आए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि राज्य सरकार सभी आवश्यक और एहतियाती कदम उठा रही है. बाढ़ के पानी के संपर्क में आने वाले लोगों से अपील की गई है कि वह अतिरिक्त निगरानी रखें. राज्य में अब तक बाढ़ के चलते 450 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ के कारण कुल 57 हजार हेक्टेयर कृषि फसलें बर्बाद हो गईं हैं. इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इलाज के सिलसिले में रविवार को अमेरिका रवाना हो गए. संभवत: तीन सप्ताह बाद सीएम वापस लौट आएंगे. पहले वह शनिवार को अमेरिका जाने वाले थे, लेकिन किसी वजह से उनके कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा.
जारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उद्योग मंत्री ईपी जयराजन मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि हासिल करेंगे. मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्यपाल पी सदाशिवम से मुलाकात की और उन्हें विदेश में इलाज कराने के अपने विदेश दौरे के बारे में बताया था. विजयन ने राज्यपाल को सरकार द्वारा केरल के पुनर्निर्माण और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी.