टाटा समूह की ओर से बुलाई गई ईजीएम बैठक में शेयर धारकों ने टाटा सन्स के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा पर भरोसा जताया है. हालांकि शेयरधारकों ने टाटा की ओर से ब्रिटेन में किए जा रहे घाटे के निवेश पर सवाल भी उठाए हैं. टाटा संस ने समूह के स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया को बोर्ड से हटाने के लिए यह मीटिंग बुलाई थी. वाडिया पर समूह बाहर किए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के लिए काम करने का आरोप है. नुस्ली वाडिया पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है लेकिन उनका जाना तय माना जा रहा है.
इससे पहले नुस्ली वाडिया बैठक के समहू की ओर से प्रबंधित बताकर इसमें शामिल ना होने का फैसला किया था. वाडिया ने बैठक को अनुचित और शर्मनाक बताया. हालांकि वाडिया ने शेयर धारकों से प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने को कहा और टाटा संस की आलोचना जारी रखी. उन्होंने समूह के यूरोप में इस्पात क्षेत्र में निवेश जारी रहने के फैसले की भी आलोचना की.
वाडिया ने टाटा स्टील के शेयर धारकों को लिखे पत्र में कहा, 'मैंने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि मैं समझता हूं कि टाटा की अन्य कंपनियों की हाल में जो बैठकें हुई वह पूरी तरह अनुचित और शर्मनाक तरीके से हॉल में प्रवेश को नियंत्रित करने वालों की ओर प्रबंधित की गईं. साथ ही यह वक्तओं के चयन और रूचि पर आधारित थी. भारतीय कारपोरेट इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया.
टाटा संस के कदम की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, मुझे हटाया जाए या नहीं, यह कोई खतरा नहीं है लेकिन सभी संबंधित पक्षों के हितों की रक्षा के लिये स्वतंत्र निदेशक की कानून और सेबी ने जो स्थिति बनाई है, उसको खतरा है. अगर स्वतंत्र निदेशकों को प्रवर्तकों के कहने पर हटाया जा सकता है, तब उसकी भूमिका यस मैन की रह जाएगी।
टाटा संस के कुल शेयर 97.12 करोड़ के हैं जिसमें से 62.54 करोड़ को शेयर धारकों ने बैठक में वोटिंग की. वोटिंग में 64.40 फीसदी लोग शामिल हुए जिसमें से 90.80 फीसदी लोगों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया. बैठक में 9.20 फीसदी वोटिंग प्रस्ताव के खिलाफ में की गई. टाटा समूह की बैठक में 220 शेयर धारकों ने बुधवार को रतन टाटा का समर्थन किया. छह घंटे तक चली बैठक के दौरान करीब 97 शेयर धारकों ने अपनी बात रखी. बैठक की अध्यक्षता पूर्व बैंक अधिकारी ओ पी भट्ट ने की.