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दिल्‍ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ रहा रेव पार्टियों का चलन, गिरफ्त में युवा पीढ़ी

पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तमाम पहरेदारी के बावजूद दिल्ली और आस-पास के इलाकों में ऐसी पार्टियों का गुलजार होना अब एक आम बात बन चुकी है.

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राजधानी दिल्ली के नौजवानों के बीच रेव पार्टियों का हिस्‍सा बनना अब नया स्टेटस सिंबल बन गया है. ऐसी पार्टियों में जाना और देर रात बिना किसी बंदिश के नशे की दुनिया में गुम हो जाना, कई नौजवानों को एक ‘कूल आइडिया’ लगता है. यही वजह है कि पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तमाम पहरेदारी के बावजूद दिल्ली और आस-पास के इलाकों में ऐसी पार्टियों का गुलजार होना अब एक आम बात बन चुकी है.

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कई लोगों के लिए ये एक चौंकानेवाली खबर हो सकती है, लेकिन इस धंधे पर नजर रखनेवाले लोग ये जानते हैं कि कैसे दिल्ली और आस-पास के इलाके लगातार रेव पार्टियों की गिरफ्त में आ रहे हैं. अभी हाल में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था, जिसने पूछताछ के दौरान महज दो महीने में 20 से ज्‍यादा रेव पार्टियों के आयोजन की बात कुबूल की. उसने बताया कि ये पार्टियां उसने शहर के ही जाने-माने रईसों की मदद से मेहरौली, गुड़गांव और सोहना रोड के कई फार्म हाउसों, ग्रेटर कैलाश, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, साकेत और नेहरू प्लेस के कुछ होटलों और फ्लैट्स में आयोजित की.

चूंकि इन पार्टियों में सिंथेटिक्स ड्रग्स के अलावा कोकीन और हेरोइन जैसी महंगी नशीली वस्‍तुओं का सबसे ज्‍यादा इस्तेमाल होता है, अमीर लोग भी सबसे ज्‍यादा इन पार्टियों की गिरफ्त में हैं. ऐसी पार्टियों के आयोजक अपने ग्रुप्स के बीच फोन या एसएमएस के जरिए दावत देते हैं और फिर नशे के शौकीन हर तरह के नशों के लिए ऐसे महफूज ठिकानों तक पहुंच जाते हैं. चूंकि ये सबकुछ बेहद खुफिया तरीके से होता है, पुलिस को अक्सर इनके बारे में पता ही नहीं चलता. और कई बार पता चलने पर भी वो इन पार्टियों में खलल डालने का जोखिम नहीं उठाती.

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हालांकि अब मामलों में तो रइसों के साथ-साथ मध्यम वर्ग के नौजवान भी रेव पार्टियों में जाने लगे हैं जबकि कई रेव पार्टियां तो लड़कियों के लिए रेप यानी बलात्कार की वजह भी साबित हई है.

रेव पार्टियों में 'हाई एंड' ड्रग्स का सबसे ज्‍यादा इस्तेमाल होता है. नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पिछले एक साल में नशे की जो खेप बरामद की है, उस पर निगाह डालने से भी ये बात तकरीबन साफ हो जाती है कि किस तरह लोगों के बीच हाई एंड ड्रग्स यानी महंगे नशे का चलन बढ़ा है. सिर्फ एक साल में दिल्ली में एनसीबी ने 84 किलो 47 ग्राम हेरोइन, जबकि 26 किलो 34 ग्राम कोकीन बरामद की है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नशे की इस खेप की कीमत करोड़ों रुपये में हो सकती है.

हिंदुस्तान में हर तबके के बीच जहां तरह-तरह के ड्रग इस्तेमाल होते हैं, वहीं 'ड्रग अब्यूज' के अनगिनत तरीके हैं. लेकिन नौजवानों के बीच रेव पार्टियां इसलिए भी एक बड़ा खतरा है, क्योंकि अब 'पीयर प्रेशर' से शुरू होकर ये पार्टियां अब रइसों के बीच एक 'मास हिस्टिरिया' की शक्ल अख्तियार करता जा रहा है.

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