आधार नहीं होने के कारण कई लोगों को सरकारी सुविधाओं से वंचित होने के बाद केंद्र सरकार अब जगी है और उसने राज्यों को कहा है कि आधार नहीं होने की सूरत में भी सुविधाएं जारी रखा जाए.
कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि आधार नहीं होने की वजह से किसी को जरूरी सेवाओं से वंचित नहीं किया जाए.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'आधार के लागू होने के बाद सेवाएं बेहतर हुई हैं और सरकारी पैसे की बर्बादी भी कम हुई हैं, लेकिन कानून साफ कहता है कि अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता बल्कि दूसरे पहचान पत्र के आधार पर सेवा दी जानी चाहिए.'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को दिल्ली में राज्यों के आईटी मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यों को आधार नहीं होने की सूरत में जरुरी सेवाओं से वंचित न किया जाए. उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यह खबर सुर्खियों में है कि गुरुग्राम के एक अस्पताल में एक गर्भवती महिला को आधार नहीं होने की वजह से भर्ती नहीं किया गया और बच्चे का जन्म अस्पताल के बाहर ही हो गया.
राज्यों से आए आईटी मंत्रियों को संबोधित करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'ऐसी खबरें आती रहती हैं कि आधार नहीं होने की वजह से किसी गरीब को राशन देने से मना कर दिया गया.' उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को इस बात के इंतजाम करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं न घटे.
उन्होंने कहा, 'अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे आधार बनवाने को कहा तो कहा जा सकता है, लेकिन सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता. कई बार खासतौर पर बुजुर्ग लोगों के सामने यह दिक्कत भी आती है उनकी उंगलियों के निशान आधार के डाटा से नहीं मिलते. लेकिन इसकी वजह से किसी को दिक्कत नहीं आनी चाहिए.'
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि सरकार आधार को ड्राइविंग लाइसेंस के साथ जोड़ने की भी तैयारी कर रही है ताकि कानून तोड़ने वालों को आसानी से पकड़ा जा सके. उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वह डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं में ज्यादा से ज्यादा करें ताकि सुविधाओं को आसानी से और कम खर्च में आम लोगों तक पहुंचाया जा सके.