नौसेना युद्धकक्ष लीक मामले में बड़ी सफलता के तौर पर एक प्रमुख आरोपी रवि शंकरन को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया और सीबीआई ने उसके जल्दी प्रत्यर्पण की मांग की है.
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के करीबी रिश्तेदार 46 वर्षीय रवि शंकरन को लंदन में मेट्रोपालिटन पुलिस ने 21 अप्रैल को गिरफ्तार किया था और सीबीआई को इस बारे में जानकारी दी गयी. सीबीआई निदेशक अश्वनी कुमार ने बताया, ‘शंकरन को गिरफ्तार किया गया है और हमने उसके जल्दी प्रत्यर्पण की मांग की है’.
इस सफलता से खुश दिख रहे कुमार ने कहा कि शंकरन की गिरफ्तारी मामले में बड़ी सफलता है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि उसे जल्दी से जल्दी भारत प्रत्यर्पित किया जा सकेगा. सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि एक बार शंकरन को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कर लिया जाए, उसके बाद उससे मामले में संलिप्तता को लेकर लंबी पूछताछ की जाएगी.
आरोप है कि उसने कुछ महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भेजी थी. सीबीआई ने भारतीय वायु सेना के पूर्व विंग कमांडर संभाजी राव सूर्वे, शंकरन, पूर्व नौसेना कमांडरों विनोद कुमार झा और विनोद राणा, राज रानी जायसवाल, मुकेश बजाज, विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) एस.के. कोहली, कश्यप कुमार और कुलभूषण पाराशर के खिलाफ 20 मार्च 2006 को एक मामला दर्ज किया था. {mospagebreak}
इन 9 लोगों के खिलाफ सरकारी गोपनीयता कानून के अनेक प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया. जायसवाल, बजाज और कश्यप कुमार को छोड़कर अन्य सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये गये. सीबीआई ने तीनों के खिलाफ मामले को बंद करने की तैयारी कर ली है क्योंकि इनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला. सीबीआई ने 2006 में शंकरन की गिरफ्तारी की मांग की थी, जब वह ब्रिटेन में देखा गया था.
हालांकि ब्रिटेन की एक अदालत द्वारा उसके खिलाफ गिरफ्तारी वांरट जारी किये जाने के बाद वह लंदन पुलिस को चकमा देने में सफल रहा. सीबीआई ने 2006 में शंकरन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. वह 10 अप्रैल 2007 को अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद ब्रिटेन नहीं लौटा. सीबीआई ने चार महीने से अधिक समय तक उसका पीछा कर पता लगाया कि वह स्वीडन में है. जिसके बाद एजेंसी ने उसकी तत्काल गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की स्वीडिश शाखा को अलर्ट भेजा लेकिन वह दोबारा अधिकारियों को धता बताने में सफल रहा.
विदेश मंत्रालय ने एक अप्रैल 2006 को उसका यात्रा पासपोर्ट रद्द कर दिया था और वह बिना किसी वैध पासपोर्ट के यूरोप में घूम रहा था. शंकरन पूछताछ के लिए एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुआ, जिसके बाद सीबीआई ने 12 सितंबर 2006 को उसकी संपत्ति एवं बैंक खातों को कुर्क कर लिया.
सीबीआई ने पूर्व नौसेनिक कमांडर कुलभूषण पाराशर के लंदन से यहां आगमन के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तारी के बाद अप्रैल 2006 में शंकरन के आवास और दफ्तरों पर छापे मारे थे. शंकरन को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिहाज से 11 अगस्त 2006 के द टाइम्स ऑफ लंदन में नोटिस प्रकाशित किया गया था.