भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाने वाले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हालिया दौर में हुई नोटबंदी के बाद राजनीतिक पार्टियों के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट लेने के सवाल पर कहा कि यह तो चुनाव आयोग का मामला है. चुनाव आयोग ही इस संबंध में सलाह मशविरा करके नियम कायदे बनाता है. वे इस पूरे मामले को चुनाव सुधार का विषय मानते हैं.
अपनी पार्टी को पाक-साफ कहा
रविशंकर प्रसाद आगे कहते हैं कि ऐसे समय में जब पूरे देश में बदलाव की बात हो रही है तो हर क्षेत्र में बदलाव होने चाहिए. चुनाव आयोग इलेक्टोरल रिफॉर्म की बात कह रहा है और उनकी पार्टी (बीजेपी) हमेशा से इस मुद्दे को उठाती रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर वे किसी भी तरह की टिप्पणी से बचते हैं. वे कहते हैं कि दिल्ली का हाल अब किसी से छिपा नहीं है.
क्या है पूरा मसला?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते माह की 8 तारीख को 500 और 1000 रुपये के नोटों के लीगल टेंडर न होने की घोषणा की. इसे पॉपुलर टर्म में नोटबंदी की संज्ञा दी गई. इसे कालाधन पर बड़ा और भारी हमला माना जा रहा है. इसी बीच ऐसी भी बातें आ रही हैं कि देश की राजनीतिक पार्टियां अब भी पुराने नोटों में चंदा ले सकेंगी. इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के मार्फत एक बयान जारी किया है कि राजनीतिक पार्टियों को पहले की तरह 20,000 रुपए तक के चंदे का कोई ब्योरा नहीं देना है. इस पर आम जनता की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है.
लालू प्रसाद के बयान पर ली चुटकी
बिहार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयान पर वे कहते हैं कि उन्हें जो कहना है वे कहते रहें. वे उनके आईटी के विरोध की भी बात कहते हैं. साथ ही उनके बेटों द्वारा ट्विटर के इस्तेमाल का भी तंज कस देते हैं.