आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी वार्षिक मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही की समीक्षा पेश कर दी है. आरबीआई ने सांविधिक तरलता अनुपात एक फीसद बढ़ाकर 25 फीसद किया, अन्य मुख्य दरें अपरिवर्तित रहीं.
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति में और अधिक बढोतरी का अनुमान लगाया. बैंक ने मार्च तक मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर 6.5 फीसद किया. इससे पहले इस वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति के पांच फीसद तक पहुंचने का अनुमान जाहिर किया गया था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2009-10 में वृद्धि दर छह फीसद रहने का अनुमान जाहिर किया जिसमें बढ़ोतरी की संभावना रहेगी.
रिजर्व बैंक ने सीआरआर, रेपो और रिसर्व रेपो दरों को क्रमश: 5 प्रतिशत, 4.75 प्रतिशत और 3.25 प्रतिशत के पहले के स्तर पर बनाए रखा है. रिजर्व बैंक ने बैंक दर 6 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि एसएलआर बढ़ाने से बैंकों के पास नकदी या निजी क्षेत्र के लिये रिण की कमी नहीं होगी. आरबीआई ने मान्यता प्राप्त स्टाक एक्सचेंजों को यूरो, येन और पौंड में वायदा कारोबार की अनुमति देने का प्रस्ताव किया.