मुंबई में चल रहे इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई अहम मुद्दों पर बात की. उन्होंने इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के कई धारदार सवालों के जवाब दिए. जब आरबीआई गवर्नर से पूछा गया कि उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की है, जबकि उनसे पहले जो आरबीआई गवर्नर थे, उनके पास दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटीज की इकोनॉमिक्स में पीएचडी डिग्री थी? क्या इस आलोचना से उन्हें फर्क पड़ता है. इस पर शक्तिकांत दास ने कहा, यूएस फेड के चीफ खुद पॉलिटिकल साइंस बैकग्राउंड से हैं. यूरोपियन सेंट्रल बैंक की होने वाली चीफ राजनेता और वकील हैं. बैंक ऑफ जापान के हेड नौकरशाह रहे हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा, मैं भी 9 महीने से आरबीआई में हूं और इकोनॉमिक्स का छात्र भी. ये जरूरी नहीं कि आपने क्या पढ़ा है. जरूरी है कि आप चीजों को कैसे समझते हैं. जब बात नीति निर्धारण की आती है तो आपका अनुभव काम आता है. लोगों से आपका जुड़ाव काम आता है. आरबीआई चीफ को टेक्निकल ज्ञान रखना उतना जरूरी नहीं है. क्योंकि इसके लिए आरबीआई में बड़ी टीम मौजूद है.
उन्होंने कहा कि भले ही आपने 35-40 साल पहले कोई कोर्स किया हो लेकिन वह आज प्रासंगिक नहीं रहेगा. जरूरी है कि आप कितने जागरुक हैं और इकोनॉमी के असली मुद्दों पर आपकी पकड़ कितनी है. उन्होंने कहा कि आरबीआई गवर्नर के लिए जरूरी है कि मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता की अहमियत क्या है. इसके साथ-साथ अन्य चीजों को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाएं.
आरबीआई को चीयरलीडर कहने वाले सरकार को पब्लिक में गाली देना बंद करें: शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स घटाए जाने के फैसले का भी स्वागत किया. उन्होंने इसे एक कड़ा फैसला बताते हुए कहा कि इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कई ऐलान किए हैं. शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि आरबीआई सरकार की चीयरलीडर नहीं है. उसके पास पूरी स्वायत्तता है. फैसले लेने के दौरान उसकी बात को ही तवज्जो दी जाती है. गौरतलब है कि इंडिया टुडे कॉन्क्लेव दो दिन चलेगा. इसमें राजनीति, कला, सिनेमा और अन्य क्षेत्रों की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी.