भविष्य के कारोबारी विस्तार और रणनीतिक निवेशकों को शामिल करने की योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में बढते हुये रिलायंस कम्युनिकेशंस ने रणनीतिक बिक्री के तहत 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया.
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘रिलायंस कम्युनिकेशंस निदेशक मंडल ने उचित प्रीमियम पर कंपनी की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री कर कंपनी में रणनीतिक लिहाज से उपयुक्त निवेशक को शामिल करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है.’
उल्लेखनीय है कि हिस्सेदारी बेचने का निदेशक मंडल का निर्णय अंबानी बंधुओं के बीच सुलह के एक पखवाड़े के भीतर आया है. दोनों भाइयों के समूहों ने 2005 के गैर-प्रतिस्पर्धी समझौते को खत्म करने की हाल ही में घोषणा की.
अफ्रीकी दूरसंचार कंपनी एमटीएन और यूएई की एतिसलात सहित कुछ विदेशी दूरसंचार कंपनियों के साथ आरकाम की बातचीत शुरू होने की रपटों से पिछले 10 कारोबारी सत्रों में आरकाम के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है.
हालांकि, विदेशी दूरसंचार कंपनियों से किसी तरह की पेशकश मिलने संबंधी रपटों पर कंपनी के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार किया. आरकाम भारती एयरटेल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल आपरेटर है और कंपनी 10.9 करोड़ ग्राहकों का दावा करती है.
इससे पहले मुकेश अंबानी समूह ने अनिल अंबानी समूह की आरकाम में हिस्सेदारी लेने से इनकार करने का अपना पहला अधिकार जताया था जिससे 2008 में आरकाम और एमटीएन के बीच बातचीत विफल हो गयी थी.