लंबी जद्दोजहद और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद आखिर निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों ने अपने बहीखाते सरकार के लेखापरीक्षक नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) को सौंप दिये.
अनिल अंबानी समूह की रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और टाटा टेलिसर्विसिज ने अपने सभी बहीखाते कैग को सौंप दिये जबकि वोडाफोन एस्सार और एअरटेल ने फिलहाल अभी भी पूरी तरह से कैग को खाते नहीं सौंपे और उन्हें आंशिक रुप से ही अपने खातों तक पहुंच सुनिश्चित करवाई है.
कैग ने कहा है कि वह 16 अगस्त से अग्रणी दूरसंचार कंपनियों के वित्तीय खातों की पड़ताल करेगा और यह पता लगाएगा कि इन कंपनियों ने अपनी आय दिखाने में कोई हेरफेर तो नहीं किया है.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘जहां रिलायंस कम्युनिकेशंस और टाटा टेली ने अपने संपूर्ण बहीखाते सौंप दिए हैं, वहीं वोडाफोन और एयरटेल ने आंशिक तौर पर अपने बहिखातों तक पहुंच की सुविधा कैग को दी है.’’
उल्लेखनीय है कि भारती एयरटेल, वोडाफोन, टाटा, आरकाम और बीएसएनएल को कैग ने पिछले तीन वित्त वर्षों के बहीखाते सौंपने को कहा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये कंपनियां सरकार को लाईसेंस शुल्क के रुप में उचित भुगतान कर रही हैं अथवा नहीं.
उच्चतम न्यायालय ने 2 अगस्त को इन दूरसंचार कंपनियों को अपने बहीखाते दो सप्ताह के भीतर कैग को सौंपने का निर्देश दिया था.