प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के लिए 17 सूत्रीय एजेंडा दिया है. इसमें सबसे अहम रोड और रेल नेटवर्क में सुधार है, ताकि देश में कहीं से किसी भी कोने तक सिर्फ 24 घंटे में पहुंचा जा सके. मोदी की इस विशलिस्ट में श्रम कानून में सुधार, हर जिला अस्पताल में हेल्थ नॉलेज इंस्टीट्यूट जैसे अहम मुद्दे हैं.
मोदी ने इस एजेंडे के बारे में मंत्रियों को 10 जुलाई को ही बता दिया था और उनसे 20 जुलाई तक विस्तृत एक्शन प्लान मांगा था. मोदी चाहते हैं कि अगस्त के अंत में जब सरकार के 100 दिन पूरे हों तो उसका एजेंडा पूरी तरह से तैयार रहे.
परिवहन पर खास नजर
मोदी सरकार की देश के भीतर परिवहन को और बेहतर बनाने पर खास नजर है. प्लान के मुताबिक पूर्वी और पश्चिमी तटीय इलाकों में एक्सप्रेस वे बनाने का प्रस्ताव है. दोनों एक्सप्रेस वे एक दूसरे से लेटीच्यूड एक्सप्रेस वे के जरिए जुड़े होंगे. इसे अक्षांश मार्ग एक्सप्रेस वे से जाना जाएगा. कान्हा-कृष्णा कॉरिडोर बनाने का भी प्रस्ताव है जो आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच होगा. इस नेटवर्क के जरिए इन इलाकों के हाइवे, रेल नेटवर्क और साथ में तेल व गैस पाइपलाइन को जोड़ने के प्रस्ताव है. बड़े और छोटे शहरों में मेट्रो रेल और बीआरटी व्यवस्था को लाने का प्लान है. इसके अलावा मोदी सरकार की तटीय इलाकों में विश्व स्तरीय बंदरगाह बनाने की भी योजना है. देश के लंबे तटीय किनारों का फायदा उठाने के लिए कम से कम दो बंदरगाह के निर्माण की योजना है. इनमें से एक पूर्वी और दूसरा पश्चिमी तट पर होगा.
मोबाइल नेटवर्क पर भी नजर
संपर्क और संचार में सुधार करने की योजना के तहत प्रस्ताव रखा गया कि देश में लंबी दूरी के कॉल के लिए उतना ही पैसा लगे जितना लोकल कॉल के लिए लगता है.
हर घर बिजली
इस एजेंडे में हर घर तक बिजली पहुंचाने का भी प्लान हैं. शहरों में मिनी ग्रिड लगाया जाएगा जिसका रख-रखाव प्राइवेट वेंडर या कॉरपोरेट घरानों द्वारा किया जाएगा. गांवों में भी ग्रिड लगाने की योजना है. प्लान के तहत नागपुर को लॉजिस्टिक्स वितरण केंद्र और बिजली वितरण केंद्र बनाया जाएगा.
श्रम सुधार पर खास नजर
श्रम सुधार की दिशा में मोदी सरकार कुछ अहम कदम उठाने वाली है. सरकार के प्रस्ताव रखा है कि मजदूरों को कॉन्ट्रेक्ट की जगह फिक्सड टर्म के आधार पर काम दिया जाए. इसके अलावा छोटे उद्योगों में भी कारखाना अधिनियम लागू होने चाहिए.