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कमजोर और मजबूत पीएम पर सत्ता पक्ष-विपक्ष में छिड़ी बहस

राहुल के ट्वीट पर पलटवार करते हुए सरकार के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, 'पीएम विदेश जाते हैं, तो भव्य स्वागत होता है. पीएम को कमजोर तो सिर्फ राहुल गांधी ही कह सकते हैं.'

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रामविलास पासवान
रामविलास पासवान

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विदेश से लौटते ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला करते हुए ट्वीट किया है कि मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं. राहुल ने राहुल ने अमेरिका द्वारा कश्मीर को भारत प्रशासित कश्मीर बताए जाने वाली एक न्यूज रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, 'भारत के प्रधानमंत्री कमजोर हैं.' इस सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़नी ही थी.

यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को बीजेपी कमजोर पीएम कहा करती है. ऐसे में तीन साल बाद पहली बार मोदी को कमजोर पीएम बताकर राहुल ने बड़ी सियासी बहस छेड़ दी है.

अपनी पब्लिसिटी में देश का पैसा खर्च कर रहे हैं पीएम

राहुल के ट्वीट करते ही कांग्रेस और सरकार के बीच बहस छिड़ गई. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'राहुल जी ने बिल्कुल सही कहा है. नरेंद्र मोदी कमजोर पीएम हैं. ये बात तथ्यों के आधार पर बिल्कुल सही है. अभी अमेरिका गए, अमेरिका का फायदा हुआ, पर हिंदुस्तान के लिए कुछ नहीं हुआ. लाखों नौजवानों के वीज़ा का मुद्दा भी नहीं उठा. वो अपनी पब्लिसिटी में देश का पैसा खर्च कर रहे हैं. देखिए वो इजरायल गए और चीन धमका रहा है.'

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राहुल ही पीएम को कमजोर कह सकते हैं: पासवान

वहीं पलटवार करते हुए सरकार के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, 'पीएम विदेश जाते हैं, तो भव्य स्वागत होता है. पीएम को कमजोर तो सिर्फ राहुल गांधी ही कह सकते हैं. उनके पीएम जब जाते थे, तो कोई नोटिस भी नहीं करता था. साथ ही उनके सांसद बेटे चिराग पासवान का कहना है, 'उनका ट्वीट हास्यास्पद है. पीएम जहां जाते हैं वहां के लोग उनका स्वागत करते हैं. अभी इजरायल गए हैं, देखिए.'

17 जुलाई से होने वाले संसद सत्र की तैयारी

राहुल आने वाले दिनों में किसान आंदोलन, चीन और पाकिस्तान से लगती भारत की सीमा पर अशांति, कश्मीर के खराब हालात और जीएसटी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरेंगे. 17 जुलाई से संसद का सत्र शुरू होने वाला है और राहुल उसी की जमीन तैयार कर रहे हैं.

विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा पर बयान

15 लाख रुपये काले धन का पैसा हर भारतीय को देने, हर साल युवाओं के लिए दो करोड़ रोजगार, किसानों की फसल लागत का डेढ़ गुना दाम देने के पीएम मोदी के वादे को राहुल पहले ही जुमला करार दे चुके हैं. अर्थव्यवस्था गिरने पर मोदी सरकार को घेर चुके हैं. अब बारी विदेश नीति और आतंरिक सुरक्षा की है.

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क्या नीतीश की सलाह पर काम कर रहे हैं राहुल

कुछ दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल को सलाह दी थी कि बड़ा दल होने के नाते उन्हें 2019 के लिए वैकल्पिक एजेंडा तय करना चाहिए. ऐसे में ये भी सवाल उठना तय है कि क्या राहुल का ये कदम उसी दिशा में है.

 

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