सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनकी समस्याओं और मौजूदा संकट पर बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन ने शनिवार की सुबह 4 बजे मीटिंग बुलाई है.
देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जज न्यायपालिका की खामियों की शिकायत लेकर मीडिया के सामने आए और अपनी शिकायत गिनाईं. सिटिंग जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वरिष्ठ वकील इसे न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बता रहा हैं.
इस मामले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने सबसे कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस जजों के इस कदम को न्यायपालिका के लिए काला दिन बताया है. निकम ने कहा कि जजों को अपनी शिकायतों रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा कोई और रास्ता अपनाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अब इस कदम के बाद देश का आम आदमी कोर्ट के हर फैसला पर सवाल उठा सकता है.
निकम ने कहा कि अब से हर कोई न्यायपालिका के हर आदेश को संदेह की नजर से देख सकता है और हर फैसले पर सवाल उठाए जा सकते हैं.
'जजों ने न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया है'
बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अमिताभ सिन्हा ने कहा, 'जजों को एक्टिविज्म में शामिल नहीं होना चाहिए, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और फिर जनता के बीच जाना चाहिए. उन्होंने सर्वोच्च न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को कम करने का काम किया है.' सिन्हा ने कहा कि आज इन जजों और प्रशांत भूषण के बीच कोई अंतर नहीं रहा.
लोया जज मामले पर उन्होंने कहा कि जज एक्टिविस्ट बनना चाह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में 23 जज हैं, लेकिन समस्या सिर्फ चार को है. उन्होंने कहा कि इन मतभेदों को आंतरिक रूप से सुलझाना चाहिए था. ऐसा नहीं लगता कि इस मामले में सरकार को हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों से असहमत हैं पूर्व कानून मंत्री
पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने आजतक से कहा कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों से असहमत हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इसके लिए बेंच गठित कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को उन चार जजों से बात करना चाहिए.
जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बोलते हुए वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जजों ने बहुत ही गंभीर मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि ये चारों ही जज काफी ईमानदार हैं और उनकी नीयत पर सवाल नहीं उठाए जा सकते. स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है.
जजों का प्रेस कॉन्फ्रेंस करना दुखद और दर्दनाक: खुर्शीद
पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये काफी दुखद और दर्दनाक है. उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत का ये हाल हो गया है कि वहां के जजों को मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है.
सीजेआई अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे: प्रशांत भूषण
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले पर कहा कि ये बहुत गंभीर मामला है जिससे चीफ जस्टिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीजेआई अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और इसके खिलाफ आवाज बुलंद करना अभूतपूर्व कदम है.
न्यायपालिका की निष्ठा को बेचा नहीं जा सकता: CPM
मामले पर सीपीएम ने कहा कि न्यायपालिका की निष्ठा को बेचा नहीं जा सकता. जो भी हुआ अभूतपूर्व था, आशा है इसे सुलझा लिया जाएगा.
वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने इस बेहद चौकाने वाली घटना बताया है. उन्होंने कहा कि जरूर कोई बड़ी वजह रही होगा तभी जाकर वरिष्ठ जजों ने यह कदम उठाने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही जजों को चेहरों पर वो दर्द देखा जा सकता था.