मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भूमि विधेयक और धर्मनिरपेक्षता जैसे मुद्दों पर संसद में कांग्रेस के साथ मोर्चा बनाने को तैयार है. लेकिन उसने संसद के बाहर किसी राष्ट्रीय मोर्चा या गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार किया है. पार्टी के मुताबिक 'ये विश्वसनीय नहीं है.'
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने स्वीकार किया कि बिहार का आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी विरोधी दलों के लिए बड़ा इम्तिहान होगा और यह देखना होगा कि रणनीति का फैसला करने के संदर्भ में जनता परिवार का विलय क्या स्वरूप लेता है.
हाल ही में सोनिया गांधी के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ मार्च में शामिल रही सीपीआई (एम) के नेता ने कहा कि पार्टी पहले खुद को मजबूत करने करेगी. येचुरी ने कहा, 'संसद के अंदर हमने कहा है कि हम भूमि विधेयक जैसे सभी मुद्दों पर एकजुट होंगे जिनके बारे में हम सोचते हैं कि ये देश और जनता के हित में नहीं हैं.' उन्होने कहा, 'संसद के बाहर, हमारी पार्टी ने कहा कि कई क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा बनाना फिलहाल सही नहीं रहेगा क्योंकि ऐसे किसी मोर्चे के पास वैकल्पिक नीति होनी चाहिए. लेकिन मौजूदा समय में ऐसे हालात पैदा नहीं हो सकते.'
भूमि बिल पर राहुल का अभियान अच्छा, कांग्रेस से उम्मीद नहीं: येचुरी
व्यावहारिक राजनीति करने की पहचान रखने वाले येचुरी ने कहा कि भूमि विधेयक जैसे मुद्दों पर राहुल गांधी का
हालिया अभियान अच्छा है. उन्होंने कहा, 'लेकिन कांग्रेस फिलहाल कोई सुसंगत नेतृत्व नहीं दे रही है. अभी हमें अगली
महत्वपूर्ण चीज के लिए इंतजार करना और देखना होगा.'
आखिर कांग्रेस से क्यों दूर भाग रही सीपीआई?
कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के सवाल पर येचुरी ने कहा कि इससे इनकार है क्योंकि कांग्रेस ने जिस तरह की
आर्थिक नीतियों का अनुसरण किया है उससे असंतोष पैदा हुआ जिसके सहारे बीजेपी सत्ता में आई.
उन्होंने कहा, 'इसलिए कांग्रेस के साथ जाने की नीतिगत रूपरेखा से इंकार किया जाता है.'
संघ-बीजेपी के हमले से देश को बचाएंगे: येचुरी
येचुरी ने कहा, 'अपने देश के सामाजिक सद्भाव को कायम रखने और संघ-बीजेपी का हमला झेल रहीं भारत गणराज्य
की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक बुनियादों को मजबूत करने के मुद्दों पर, मुद्दे दर मुद्दे हम मुख्य रूप से संसद में धर्मनिरपेक्ष
दलों के साथ हाथ मिलाएंगे. बाहर हमारा प्रयास खुद को मजबूत करने पर रहेगा.'
-इनपुट भाषा से