scorecardresearch
 

उर्दू के लिए कानून की मांग कर रहे हैं मंत्री जी

उर्दू जैसी भाषाओं के विकास की राज्यों द्वारा उपेक्षा पर नाखुशी प्रकट करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्री के. रहमान खान ने एक कानून बनाने की मांग की जो उनके लिए भाषाई अल्पसंख्यक आयोग की सिफारिशों को लागू करना अनिवार्य बनाएगा.

Advertisement
X

उर्दू जैसी भाषाओं के विकास की राज्यों द्वारा उपेक्षा पर नाखुशी प्रकट करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्री के. रहमान खान ने एक कानून बनाने की मांग की जो उनके लिए भाषाई अल्पसंख्यक आयोग की सिफारिशों को लागू करना अनिवार्य बनाएगा.

Advertisement

खान ने कहा कि अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय ने उर्दू जैसी भाषाओं के विकास के लिए आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए राज्य सरकारों के पास भेजीं लेकिन उन्होंने इन्हें नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि एक कानून बनाया जाना चाहिए ताकि राज्य सरकार इन भाषाओं पर काम करने के लिए बाध्य हो. आप संविधान में भले ही कुछ लिख दीजिए लेकिन जब तक आप कानून नहीं बनाते हैं, कोई उस पर ध्यान नहीं देता.’ खान ने कहा कि उर्दू प्रेमियों को सरकारों पर उसके विकास के लिए दबाव डालना चाहिए.

उन्होंने कहा कि राज्यों के भाषाई पुनर्गठन के बाद उर्दू 12 करोड़ लोगों की जुबान होने के बाद अनाथ बन गयी. वह यहां संवाद समिति यूएनआई की उर्दू वेबसाइट के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे.

Advertisement
Advertisement