बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान क्यांत ने और तेजी पकड़ ली है लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक यह तूफान समंदर में ही खत्म हो जाएगा और जब ये जमीन पर पहुंचेगा तो यह महज डिप्रेशन रह जाएगा. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि भारत के पूर्वी तट पर चक्रवात का खतरा टल गया है. बुधवार को मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक चक्रवाती तूफान विशाखापट्टनम से तकरीबन 700 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दक्षिण पूर्व में स्थित है इस समय इस तूफान के अंदर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं.
ऐसा अनुमान है अगले 36 घंटों में यह चक्रवाती तूफान थोड़ा और ताकतवर हो जाएगा. इसी के साथ अगले 3 दिनों तक यह चक्रवाती तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा इलाके की तरफ रुख कर लेगा. साइक्लोन सेंटर के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में इस समय मौजूद है चक्रवाती तूफान 28 तारीख की रात तक आंध्र प्रदेश के टटी इलाके के नजदीक पहुंच जाएगा लेकिन उसके बाद इसकी ताकत में कमी आएगी और यह समंदर में ही 29 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि चक्रवाती तूफान का लैंड फाल नहीं होगा ये एक बड़ी राहत की खबर है.
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी तट पर साइक्लोन का खतरा भले ही टल गया हो लेकिन दक्षिणी उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के समंदर किनारे वाले इलाकों में तेज हवाओं का खतरा बरकरार है. दक्षिणी उड़ीसा के तटीय इलाकों के लिए 27 और 28 तारीख को तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है. ऐसा अनुमान है किन इलाकों में 45 से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी. इसी तरह आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 27 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है. आंध्रप्रदेश में तटीय इलाकों में समंदर में ऊंची ऊंची लहरें उठेंगी लिहाजा लोगों को सागर किनारे जाने से आगाह किया गया है. इसी के साथ उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में मछुआरों को 27 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक समंदर में ना जाने की सलाह दी गई है.