असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से तुरंत कार्रवाई करते हुए असम के राज्यपाल पद से पद्मनाभा बालकृष्ण आचार्य को हटाने का अनुरोध किया है.
CM केजरीवाल ने लपका मुद्दा
दूसरी ओर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मसले को हवा देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री शिकायत कर रहे हैं कि राज्यपाल असंवैधानिक तरीके से दखल देकर बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं.
Many CMs complaining of unconstitutional interference by Governors to favor BJP. Is this coop federalism? https://t.co/DDAKB6c1jf
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 28, 2015
नहीं हटेंगे असम के राज्यपाल: बीजेपी
बीजेपी शनिवार को खुलकर असम के राज्यपाल आचार्य के समर्थन में सामने आई और कहा कि उन्हें हटाने की कोई संभावना नहीं है. बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि आचार्य को हटाने का सवाल नहीं उठता. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को इस वजह से नहीं हटाया जा सकता कि एक खास पार्टी ऐसा चाहती है.
गोगोई ने चिट्ठी लिखकर की शिकायत
गोगोई ने राष्ट्रपति को शनिवार को पत्र भेजकर आचार्य की जगह किसी और को असम का राज्यपाल बनाने की गुहार लगाई. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि आचार्य के पद पर बने रहने से संसदीय जनतंत्र के संचालन में दिक्कत आएगी और राज्य के धर्मनिरपेक्ष संस्कारों में दरार पैदा होगी.
पत्र में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय कोर्ट में आचार्य द्वारा चार सदस्यों की नियुक्ति और बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सुझाए गए नामों के बजाए अपनी पसंद के कुछ लोगों की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं.
'हिन्दुस्तान हिंदुओं का है'
आचार्य ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी प्रताड़ित हिंदुओं को हिन्दुस्तान आने का हक है, क्योंकि 'हिन्दुस्तान हिंदुओं का है. वे यहां नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे.'